For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्रांतिकारियों ने क्या-क्या सहा होगा,
देशभक्ति का मजा जाने कैसा रहा होगा,
मेरे वीरों का जब लहू बहा होगा,
पवित्र खून से चाबुक धन्य हुआ होगा,
फिरंगियों को भगत ने
दौड़ा-दोड़ा कर कूटा होगा,
बिस्मिल ने भी खजाना
मजे से लूटा होगा,
तो आजाद ने भी जंगल में,
योजना बनाई होगी,
और आजादी पाने वीरों ने,
खूनी होली मनाई होगी,
हथियार लूटने का मजा भी,
अलग रहा होगा,
गरमदल को देख,
ब्रिटिश का पसीना बहा होगा,
गांधी के भी अपने,
ठाठ रहे होंगे,
सत्याग्रह, अनशन की,
गोली दाग रहे होंगे,
उन बेटों ने भी जरूर,
महापुण्य किया होगा,
जिन्होंने इस काल की,
माॅं की कोख से
जन्म लिया होगा,
इस काल ने पत्नियों को भी,
महान बना दिया,
जिन्होंने पतियों को क्रांतिकारी,
का खान बना दिया,
तो इस काल के
बच्चों और बूढ़ों ने भी,
कोड़ों का मजा लिया होगा,
पीड़ा से कराहते हुए,
इस मिट्टी का,
वंदन किया होगा,
वे भी क्या दृश्य रहे होंगे,
जब वीरों के खून,
अपनी मिट्टी के लिए बहे होंगे,
मुझे गर्व है कि वह मिट्टी,
मेरी ही सरजमी थी,
मैं क्रांतिकारी हो न पाया,
शायद मेरे पुण्य में कमी थी।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 543

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 24, 2017 at 3:48pm

आदरणीय दादा समर कबीर जी, सादर प्रणाम। हृदयतल से आभार प्रेषित करता हूँ, कृपया स्वीकार करेंगे।

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 24, 2017 at 3:46pm

आदरणीय मुसाफिर जी, सादर नमस्कार। कोटिशः आभार स्वीकार करें।

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 24, 2017 at 3:45pm

सादर नमस्कार आदरणीय उस्मानी जी। मैं छंद के क्षेत्र से बाहर हूँ इसलिए छंद में लिख पाना मेरे लिए असम्भव होगा किन्तु बेहतर का प्रयास करूंगा। कोटिशः आभार स्वीकार करें।

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 24, 2017 at 3:43pm

आदरणीय आरिफ जी सादर नमस्कार। आपकी बधाई हेतु अनन्त आभार प्रेषित करता हूँ। आपके मार्गदर्शन निश्चय ही अमल करूँगा। आगे भी मार्गदर्शन की अपेक्षा करता हूँ।

Comment by Samar kabeer on December 24, 2017 at 3:16pm

जनाब मनोज कुमार जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 24, 2017 at 1:36pm

अच्छा भावपक्ष प्रस्तुत किया है । बधाई । शेष गुणी जनों की सलाह पर अवष्य ध्यान दें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 24, 2017 at 9:31am

बहुत बढ़िया रचना को छंदबद्ध कर देने से प्रभाव बहुत बढ़ जायेगा। हार्दिक बधाई आदरणीय मनोज कुमार श्रीवास्तव जी।

Comment by Mohammed Arif on December 24, 2017 at 7:51am

आदरणीय मनोज श्रीवास्तव जी आदाब,

                               देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत बहुत ही जज़्बाती कविता के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए । स्वतंत्रता आंदोलन में सभी संप्रदायों , वर्गों और धर्मों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था । कुछ वर्तनीगत अशुद्धियाँ साफ़-साफ़ देखी जा सकती है ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, नए अंदाज़ की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके संकल्प और आपकी सहमति का स्वागत है, आदरणीय रवि भाईजी.  ओबीओ अपने पुराने वरिष्ठ सदस्यों की…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपका साहित्यिक नजरिया, आदरणीय नीलेश जी, अत्यंत उदार है. आपके संकल्प का मैं अनुमोदन करता हूँ. मैं…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"जी, आदरणीय अशोक भाईजी अशोभनीय नहीं, ऐसे संवादों के लिए घिनौना शब्द सही होगा. "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सुशील सरना जी, इन दोहों के लिए हार्दिक बधाई.  आपने इश्क के दरिया में जोरदार छलांग लगायी…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"माननीय मंच एवं आदरणीय टीम प्रबंधन आदाब।  विगत तरही मुशायरा के दूसरे दिन निजी कारणों से यद्यपि…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"आप पहले दोहे के विषम चरण को दुरुस्त कर लें, आदरणीय सुशील सरना जी.   "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आप वस्तुतः एक बहुत ही साहसी कथाकार हैं, आ० उस्मानी जी. "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया विभा रानी जी, प्रस्तुति में पंक्चुएशन को और साधा जाना चाहिए था. इस कारण संप्रेषणीयता तनिक…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार आदरणीय सर जी। हमारा सौभाग्य है कि आप गोष्ठी में उपस्थित हो कर हमें समय दे सके। रचना…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रस्तुति नम कर गयी. रक्तपिपासु या हैवान या राक्षस कोई अन्य प्रजाति के नहीं…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"घटनाक्रम तनिक खिंचा हुआ प्रतीत तो हो रहा है, लेकिन संवादों का प्रवाह रुचिकर है, आदरणीय शेख शहज़ाद…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service