For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुंदरता का अहंकार

एक अहंकारी पुष्प

अपनी प्रसिद्धि पर इतरा रहा है,

भॅंवरों का दल भी,

उस पर मंडरा रहा है,

निश्चित ही वह,

राग-रंग-उन्माद में,

झूल गया है,

स्व-अस्तित्व का,

कारण ही भूल गया है,

तभी तो,

बार-बार अवहेलना,

कर रहा है,

उस माली की,

जिसने उसे सुंदरता के,

मुकाम तक पहुचाया,

संभवतः उसे ज्ञात नहीं,

बयारों ने भी,

करवट बदल ली है,

जो संकेत है,

बसंत की समाप्ति का। 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 856

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 21, 2017 at 3:36pm

आदरणीय मुसाफिर जी, सादर अभिवादन। मेरा कोटिशः आभार स्वीकार करें।

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 21, 2017 at 3:35pm

आदरणीया कल्पना जी सादर नमस्कार। उत्साहवर्धन हेतु आपका कोटिशः आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 21, 2017 at 6:27am

वर्तमान राजनीतिक परिदृष्य पर चोट करती अच्छी प्रस्तुति । हार्दिक बधाई ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 20, 2017 at 6:51pm

सुंदर अभिव्यक्ति | हार्दिक बधाई |

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 20, 2017 at 8:24am

आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी सादर आभार स्वीकार कीजिए।

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 20, 2017 at 8:23am

आदरणीय कुशक्षत्रप जी सादर अभिवादन। अपना स्नेह बनाये रखिएगा। सादर आभार

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 20, 2017 at 8:21am

आदरणीय दादा समर कबीर जी सादर नमस्कार, आपके मार्गदर्शन के लिए सादर आभार, अपना स्नेह बनाए रखें। धन्यवाद

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 20, 2017 at 8:19am

आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी हृदयतल से आभाार स्वीकार कीजिए

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 19, 2017 at 9:24pm

आदरणीय नोज कुमार जी उम्दा अभिव्यक्ति. हार्दिक बधाई 

Comment by नाथ सोनांचली on December 19, 2017 at 6:33pm

आद0 मनोज कुमार अहसास जी सादर अभिवादन। पुष्य को बिम्बित कर बेहतरीन कविता कही आपने। कोटिश बधाइयाँ। आद0 समर कबीर साहब के बातों का संज्ञान लीजियेगा। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
9 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service