For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा - गिरगिट –

लघुकथा - गिरगिट –

"गुरूजी, आपकी इस अपार सफलता का भेद क्या है? पिछले बाईस साल से राजनीति में आपका एक छ्त्र राज है"?

गुरूजी ने दाढ़ी खुजलाते हुए, गंभीर मुद्रा बनाने का नाटक करते हुए उत्तर दिया,

"मित्रो, राजनीति बड़ी बाज़ीगरी का  धंधा है। अपनी लच्छेदार बातों से लोगों को मंत्र मुग्ध करना होता है| इसमें सफल होना इतना सरल नहीं जितना दिखता है"।

"गुरूजी, हम तो आपके अंध भक्त हैं, कुछ गुरूमंत्र दीजिये जो भविष्य में हमारे काम आ सके"?

"पहली चीज़ तो यह गाँठ बाँध लो कि इसमें गुरू और भक्त कुछ नहीं होता। अगर ऐसा सोच कर चलोगे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे। अवसर की तलाश में रहो। जैसे ही मौक़ा मिले, आगे वाले को मारो धक्का और कुर्सी पकड़ लो"।

 "गुरूजी,यदि आगे वाला अपना ही कोई खास हो तो"?

 "राजनीति में कुर्सी से ज्यादा कोई खास नहीं होता"।

"गुरू जी, ऐसे तो अपने ही दल में अपनी छवि खराब हो जायेगी"?  एक महिला कार्यकर्ता ने भी प्रश्न दाग दिया|

"हमारे पास उसका भी एक कारगर इलाज़ है”|

"वह क्या है गुरूजी"?

"हर क़दम पर गिरगिट की तरह रंग़ बदलने की कला"।

मौलिक एवम अप्रकाशित

 

Views: 739

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 14, 2017 at 9:14pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on November 14, 2017 at 7:00pm

बहुत ही अच्छी और सफ़ल लघु कथा के लिए बधाई।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 13, 2017 at 6:32pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 13, 2017 at 6:31pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। आदाब।

Comment by Nita Kasar on November 13, 2017 at 4:59pm
राजनीति में सब संभव है,हर क़दम पर गिरगिट की तरह रंग बदलने की कला कटु कटाक्ष किया है आपने कथा के जरिये बधाई आद० तेजवीर सिंह जी ।
Comment by Samar kabeer on November 13, 2017 at 2:35pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by TEJ VEER SINGH on November 12, 2017 at 10:07am

हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Mohammed Arif on November 12, 2017 at 7:27am
आदरणीय तेजवीर सिंह जी आदाब, सहज, सरल और सपाट कथानक वाली लघुकथा । हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए ।
Comment by TEJ VEER SINGH on November 11, 2017 at 8:17pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2017 at 8:09pm
रंग बदल कर कारगर इलाज़! हर क्षेत्र में व्याप्त! बहुत बढ़िया व्यंगात्मक विचारोत्तेजक प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय तेज वीर सिंह जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service