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ग़ज़ल: कैसे कह दूँ मैं अलविदा तुझसे

2122 1212 22
कैसे कह दूँ मैं अलविदा तुझसे ।
चैन आया है हर दफ़ा तुझसे ।।

इक सुलगती हुई सी खामोसी ।
इक फ़साना लिखा मिला तुझसे ।।

वो इशारा था आँख का तेरे ।
दिल था पागल छला गया तुझसे ।।

भूल जाती मेरा तसव्वुर भी ।
क्यूँ हुई रात भर दुआ तुझसे ।।

बेखुदी में जो इश्क कर बैठा ।
उम्र भर बस वही जला तुझसे ।।

कर लूँ कैसे यकीन वादों पर ।
कोई वादा कहाँ निभा तुझसे ।।

कुछ रक़ीबों से गुफ्तगूं करके ।
तीर वाज़िब नहीं चला तुझसे ।।

रूठ जाने की है अदा ज़ालिम ।
और हासिल ही क्या हुआ तुझसे ।।

कत्ल करने का सिलसिला जारी ।
आशिको ने सितम कहा तुझसे ।।

खूब इल्जाम लग रहा लेकिन ।
चाँद पूछा हरिक रज़ा तुझसे ।।

उस से छुपना भी गैर मुमकिन है ।
ख्वाब में रोज मिल रहा तुझसे ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

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Comment by गिरिराज भंडारी on March 9, 2017 at 9:46am

आदरनीय नवीन भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये दिल से बधाइयाँ आपको । बाक़ी बातें आदरनीय समर भाई कह ही चुके हैं , खयाल कीजियेगा ।

Comment by Mahendra Kumar on March 8, 2017 at 9:30pm
अच्छी ग़ज़ल है आदरणीय नवीन जी। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। आदरणीय समर सर की बातों पर ध्यान दें। सादर।
Comment by Naveen Mani Tripathi on March 8, 2017 at 7:16pm
आ0 आरिफ साहब विशेष आभार सर ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on March 8, 2017 at 7:15pm
आदरणीय कबीर सर नमन । अत्यंत कीमती इस्लाह हेतु तहे दिल से शुक्रिया सर ।
Comment by Samar kabeer on March 8, 2017 at 4:31pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
ग़ज़ल के कई अशआर रदीफ़ से इंसाफ़ नहीं कर सके,मतले का ऊला मिसरा देखिये:-
'कैसे कह दूँ में अलविदा तुझसे'
यहां अलविदा के साथ 'तुझको'कहना पड़ेगा,और आपकी बात यूँ कह सकते हैं:-
"कैसे हो जाऊं मैं जुदा तुझसे"
दूसरे शैर के ऊला में 'खामोसी'को "ख़ामोशी"कर लें ।
तीसरे शैर के ऊला में 'तेरे'को "तेरी"करें,आँख स्त्रीलिंग है ।
सातवें शैर में 'गुफ्तगुं' को "गुफ़्तुगू'करें,और सानी मिसरे में 'वाजिब'शब्द भर्ती का है ।
नवां शैर मुह्मिल है ।
Comment by Mohammed Arif on March 8, 2017 at 10:25am
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,बेहतीन ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ । कहीं-कहीं अनुस्वार और नुक्ते की ग़लियाँ नज़र आ रही है । सादर ।

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