For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऊपरवालों से गठजोड़ - (लघुकथा)

"जो भी हो रहा है, हमारे पक्ष में अच्छा ही हो रहा है! बस, थिंक पॉज़िटिव! तीखे बयानों, वायरल अफ़वाहों और चुनौतियों से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है!" एक वरिष्ठ ज़िम्मेदार नेता ने गोपनीय सभा में अपने साथियों से कहा - "अपने पक्ष में लहर बरकरार रखने के लिए विरोधी दलों की सत्ता वाले इलाक़ों में बदलते हालात पर गिद्धों जैसी नज़र रखो! सदैव अलर्ट रहो और हर अवसर को पकड़ कर अपने दल के पक्ष में बस तुरंत ही कुछ पॉज़िटिव सा करते रहो साम-दाम-दंड-भेद और चाणक्य जैसी नीतियों के साथ! पुलिस से भी डरने की ज़रूरत नहीं है, समझे न!"


"जो विरोधी लोकप्रिय दिग्गज नेता गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें किसी तरह मर जाने दो! जिसका या जिसके निकटतम रिश्तेदार का कोई ख़राब रिकॉर्ड मिले, जिसको भी जेल में डाला जा सके, डलवा दो! जहां कहीं भी आस्था-धर्म को भुनाया जा सकता हो, ख़ूब भुनाओ; चूको मत! वरिष्ठजन को सूचित कर 'टिप्स' लेते रहो कि कब , किसको, किससे, कितना कहना है मीडिया में गर्म ख़बरों और अपने पक्ष में लम्बे कवरेज और बहस वगैरह के लिए! जो बन पड़े, सो करते रहो! सब तरह के सपोर्ट और व्यवस्था हम देंगे ही, डोंट वरी! जो हमें करना है, करेंगे ही; चाहे बयान जारी करना हो या मीडिया कवरेज!" दूसरे बड़े नेता ने कहा।


"सर, विरोधी दलों के इलाक़ों में भारी बारिश, बाढ़, बलात्कारों, बेख़ौफ़ हत्याओं और 'मॉब-लिंचिंग' जैसी ख़बरों से जनता परेशान है और हमारे कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता भी!" एक कार्यकर्ता ने सब का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा।


"हमने कहा न! थिंक पॉज़िटिव और बी पॉज़िटिव! ईश्वर भी हमारे साथ है! मतलब यह कि यूं ही ऊपरवालों से गठबंधन बनाए रखिए और हर मौक़े के अधिकतम फ़ायदे लेते रहो जनता और मतदाताओं की मानसिकता अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए!" मुख्य वरिष्ठ वक्ता ने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए मार्गदर्शित और प्रोत्साहित करते हुए कहा - "जहां उदारता से काम न चले, वहां डर, भय, अफ़वाह, पैसे, आस्था-धर्म और इतिहास की बातों से काम चलाओ! विश्व-स्तरीय बाबाओं, नेताओं, उद्योगपतियों, मीडियाकर्मियों, कलाकारों, धर्म-गुरुओं और स्थानीय रईसों से फ़ायदे लेते रहो! मतलब ऊपरवालों से गठजोड़, समझे! तभी ऐसे युग में ऊपरवाला भी अपने साथ ही रहता है!"


"पर सर उन ग़रीबों और किसानों का क्या करें?" एक अन्य कार्यकर्ता ने पूछ ही लिया।


"उनकी चिंता मत करो! वे अपने तरीक़े से अपना काम कर रहे हैं और हम उनके लिए योजनाएं घोषित कर-कर के अपने तरीक़े से, समझे न!" वरिष्ठजन में से एक ने समझाते हुए कहा - "उनसे निबटना तो आसान है, बस जिस गठजोड़ की बात हमने की, उसका ध्यान रखो, राजनीतिक दलों के गठजोड़ स्थायी नहीं होते भाई!"


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 649

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 9, 2018 at 6:13pm

मेरी इस प्रविष्टि पर समय देकर टिप्प्णियों द्वारा अनुमोदन और विचार साझा करने हेतु और पुनः स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  डॉ. आशुतोष मिश्रा  साहिब , मुहतरमा नीलम उपाध्याय साहिबा ,  मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब , मुुुहतरमा नीता कसार साहिबा,  मुहतरमा बबीता गुप्ता साहिबा, मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब, जनाब तेजवीर सिंह साहिब , जनाब सुशील सरना साहिब साहिब, जनाब नवीन मणि त्रिपाठी साहिब और जनाब विनय कुमार साहिब।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 3, 2018 at 3:39pm

आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी वर्तमान में राजनीती में जो हो रहा है उस पर व्यंग्य करती शानदार रचना ,,,हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by babitagupta on August 1, 2018 at 6:01pm

चुनाव दौरान राजनीति के हथगण्डों का बेहतरीन खुलाशा,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय शहजाद सरजी।

Comment by vijay nikore on August 1, 2018 at 2:24pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी, एक और अच्छी लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 9:38pm

आ0 उष्मानी साहब आदाब । बहुत सुंदर कथा आनंद आ  गया । बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 31, 2018 at 8:38pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।आजकल के राजनैतिक माहौल पर तीखा प्रहार करती लघुकथा।

Comment by Samar kabeer on July 31, 2018 at 6:42pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,उम्दा लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 31, 2018 at 4:51pm

"उनसे निबटना तो आसान है, बस जिस गठजोड़ की बात हमने की, उसका ध्यान रखो, राजनीतिक दलों के गठजोड़ स्थायी नहीं होते भाई"

यही है आज की राजनीती की वास्तविकता ।  आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, अर्थ पूर्ण  रचना की प्रस्तुति  के लिए  हार्दिक बधाई। 

Comment by Sushil Sarna on July 31, 2018 at 3:22pm

"उनकी चिंता मत करो! वे अपने तरीक़े से अपना काम कर रहे हैं और हम उनके लिए योजनाएं घोषित कर-कर के अपने तरीक़े से, समझे न!" वरिष्ठजन में से एक ने समझाते हुए कहा - "उनसे निबटना तो आसान है, बस जिस गठजोड़ की बात हमने की, उसका ध्यान रखो, राजनीतिक दलों के गठजोड़ स्थायी नहीं होते भाई!"

वाह आज राजनीतिक वातावरण का सुंदर और तीक्ष्ण कटाक्षपूर्ण चित्रण किया आपने आदरणीय। इस लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service