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'ओबीओ की आठवीं सालगिरह का तुहफ़ा'

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन

मेरी सारी वफ़ा ओबीओ के लिये
काम करता सदा ओबीओ के लिये


दिल यही चाहता है मेरा दोस्तो
जान करदूँ फ़िदा ओबीओ के लिये


आठ क्या,आठ सो साल क़ाइम रहे
है यही इक दुआ ओबीओ के लिये

मेरे दिल में कई साल से दोस्तो
जल रहा इक दिया ओबीओ के लिये

सुब्ह से शाम तक,शाम से सुब्ह तक
इज़्न सबको दिया ओबीओ के लिये


वक़्त थोड़ा सा यारो निकाला करो
है मेरी इल्तिजा ओबीओ के लिये


दोस्तो ग़ौर करना मेरी बात पर
मैंने सब कह दिया ओबीओ के लिये


ऐसा महसूस होता है रब ने "समर"
मुझको पैदा किया ओबीओ के लिये


'समर कबीर'
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1089

Comment

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Comment by vijay nikore on April 4, 2018 at 9:49am

//ऐसा महसूस होता है रब ने "समर"
मुझको पैदा किया ओबीओ के लिये// .... वाह ! 

बहुत ही मनमोहक प्रस्तुति। बधाई, भाई समर जी।

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on April 3, 2018 at 4:38pm

वाह आ0 समर साहिब बहुत खूब।

आपकी ये ग़ज़ल ओबीओ के लिए।

आँख मेरी सजल ओबीओ के लिए।।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 3, 2018 at 3:54pm

आदरणीय समर कबीर जी, नमस्कार । ओ बी ओ के सम्मान में सुंदर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 3, 2018 at 3:43pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । बेहतर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 3, 2018 at 9:48am

वाह अनुपम अभिव्यक्ति 

Comment by Satyanarayan Singh on April 2, 2018 at 11:48pm

आदरणीय समर कबीर जी लाजबाव बहुत सुंदर प्रस्तुति ओबीओ के सम्मान में सादर बधाई

Comment by TEJ VEER SINGH on April 2, 2018 at 7:47pm

हार्दिक बधाई आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब। ओ बी ओ के सभी आदरणीय सदस्यों को हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on April 2, 2018 at 7:21pm


वक़्त थोड़ा सा यारो निकाला करो
है मेरी इल्तिजा ओबीओ के लिये।  वाह! वाह!! क्या ख़ूब हिदायत दी है ।

            शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2018 at 3:47pm

ऐसा महसूस होता है रब ने "समर"
मुझको पैदा किया ओबीओ के लिये | -- वाह ! क्या बात है आदरणीय समर कबीर साहब | बेहद उम्दा भावों की पंक्तियाँ | बधाई !

छंद  सीखे है यहाँ तू ने भी "लक्ष्मण"

है जगह दिल में सदा ओ बी ओ के लिए |

Comment by Shyam Narain Verma on April 2, 2018 at 3:13pm
बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 

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