For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Veerendra Jain
  • Male
  • Vadodara , Gujrat
  • India
Share on Facebook MySpace

Veerendra Jain's Friends

  • Kalu Ram
  • Vasudha Nigam
  • Tilak Raj Kapoor
  • Er. Ambarish Srivastava
  • वीनस केसरी
  • अमि तेष
  • ratnesh
  • raj jalan
  • anupama shrivastava[anu shri]
  • harkirat heer
  • Azeez Belgaumi
  • Bhasker Agrawal
  • Ekta Nahar
  • Anita Maurya
  • Priti Kumari
 

Veerendra Jain's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Gujarat
Native Place
Durg
Profession
Student
About me
I am an IAS aspirant. I love to read and write.

Veerendra Jain's Blog

वो क्यूँ चुप हैं जिन्हें गुमाँ है ...

एक बार मैं ढूंढने को चला वो लोग जिन्हें है ये गुमाँ

सारे जहाँ से अच्छा है हिन्दोस्ताँ....



मैं हूँ विदर्भ का इक किसान

संग पत्नी दो बच्चों की जान

झेला सूखा और अकाल

उस पर पड़ी कर्जे की मार

ना ज़मीन बची ना मकान

करता हूँ ख़ुदकुशी देता हूँ अपनी जान ...

अब मेरा उनसे है सवाल

जो ड्राइंग रूम में बैठकर

बातें करें दें

इंडिया शाइनिंग की मिसाल



वो क्यूँ चुप थे जिन्हें ये गुमाँ है

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ है

वो क्यूँ चुप हैं… Continue

Posted on October 12, 2011 at 6:00pm

इश्क है तो इश्क का इज़हार होना चाहिये....

 

ज़ख्म खाने को सदा तैयार होना चाहिये

तीर नज़रों का सदा उस पार होना चाहिये |


बन कहे ही जाने कितने हीर रांझे मिट गए ,
इश्क है तो इश्क का इज़हार होना चाहिये |


गर खुदा ना ही मिले तो भी मुझे परवा नहीं ,
साथ मेरे बस मेरा दिलदार होना चाहिये |


डूबती हैं कश्तियाँ साहिल पे भी आके कभी 
झूठ…
Continue

Posted on September 29, 2011 at 1:45pm — 5 Comments

हाइकू

 

1. छब अपनी

   भूली मैं सांवरिया 
   तोसे मिल के 
2. बावरा मन
   पुकारे तेरा नाम 
   सुबह शाम 
3. उड़ा के खाक 
   अपने बदन की 
   पाया ये इश्क 
4. दर्द की पाती
   तुम बिन जीवन 
   रोए ये मन
5. क्या जीत हार 
   तुम बिन सनम 
   सब बेकार 
6. किसी बहाने 
   करूँ तेरी ही बात 
   दोस्तों के…
Continue

Posted on September 11, 2011 at 12:30am — 2 Comments

फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है ...

 

साँसे बोझिल हैं , आँखों में पानी है 

फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |

हर सुबह नई परेशानी है ,

फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |

 

कैसी सोची थी कैसी पाई है 

जाना था कहाँ , कहाँ ले आई है |

कौन सोचे और कैसी बितानी है ,

फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है…

Continue

Posted on August 24, 2011 at 11:59am — 9 Comments

Comment Wall (15 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:05am on May 14, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें 

At 12:54pm on July 5, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…
Thanks a lot Veerendra ji.
At 9:23am on May 29, 2011, nemichandpuniyachandan said…
Sir,Apki zarra-nawazi ke liye shukriya.
At 3:11pm on May 14, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 11:10am on May 11, 2011, अमि तेष said…
Thank you ...
At 7:49pm on May 4, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय वीरेंद्र जी , आपका प्यार आज के दिन मिला, मैं धन्य हुआ |
At 12:22am on March 29, 2011, अमि तेष said…
I am Sorry Veerendra Ji ......................asalme me naam tik se pad nahi paaya . Shayd kisi Udhed-Bun me tha. Aur mene socha Vandna Didi ka comment hai......
wese aap iski saja bhi de sakte hai....me taiyaar hu......hahaha
At 1:04pm on January 17, 2011, Abhinav Arun said…
thanks verendra jee for your best wishes
At 1:51am on January 1, 2011, धर्मेन्द्र कुमार सिंह said…
बहुत बहुत धन्यवाद वीरेन्द्र भाई।
At 11:56am on October 22, 2010, Julie said…
Veerendra jee... Guni har koi hota hai... Aap bhi hain... So an honour for me tOO... Keep in Touch... Good Day...!!

Regards;
Julie :-)
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service