साँसे बोझिल हैं , आँखों में पानी है
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
हर सुबह नई परेशानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
कैसी सोची थी कैसी पाई है
जाना था कहाँ , कहाँ ले आई है |
कौन सोचे और कैसी बितानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
बंदिशें सभी हैं टूटी टूटी- सी
ख्वाहिशें सारी हैं रूठी रूठी-सी |
बेमानी सी है इक कहानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
यादों से लडूं , जज़्बातों से लडूं
बिखरे बिखरे से हालातों से लडूं |
अपनी होके भी लगती बेगानी है ,
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
चेहरे पे शिकन, परेशानी है
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
साँसे बोझिल हैं , आँखों में पानी है
फिर भी प्यारी ये जिंदगानी है |
Comment
वाह भाई वाह।
jain aap ki nai racna kab aa rahee hai
mai aap ki rachna prakashit karna chahata hoon
shukriya...Saurabh sir...
जिंदगी के प्रति सकरात्मक दृष्टिकोण रखती इस रचना हेतु शुभकामनाएँ.
bahut bahut aabhar..Shashi ji..yadi is rachna ne aapke dil ko chhua to mera likhna saarthak hua..dhanyawad...
Ashish ji..bilkul sahi kaha aapne..taklife kitni bhi ho per zindagi se daaman nahin chhudaya ja sakta..dhanyawad..rachna pasand karne ke liye..
veerendra bhai, kuchh bhi ho jindgi to pyari hoti hi hai, aur sabse pyari yahi hoti hai, yahi sach bhi hai.
aapne sundar shabdo me is pyari jindgi ko kaha hai. bahut bahut badhai.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online