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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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आदरणीय रवि शुक्ला जी आदाब,

                    बहुत ही उम्दा ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

आ. रवि शुक्ल जी तहेदिल से मुबारकबाद आपको, बेहतरीन मुरस्सा ग़ज़ल हुई है।

जनाब रवि शुक्ला साहिब,

ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद आपको,,

आ. रवि जी,
अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ बधाई स्वीकार करें ।

उम्दा ग़ज़ल हुई है आदरणीय रवि सर। गिरह ज़बरदस्त है। मेरी तरफ़ से भी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।

उम्दा ग़ज़ल, भाई रवि शुक्ल जी !!!

आद० रवि भैया क्या खूब ग़ज़ल कही है वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह दिल से दाद हाज़िर है 

आदरणीय गुरुदेव रवि शुक्ल जी सादर अभिवादन आपतो इस विधा में पारंगत है आपको पढ़कर हम झूमने को मजबूर हो जाते है आपकी काबिलियत को प्रणाम 

वाह वाह वाह .. क्या ही उम्दा अश’आर हुए हैं, आदरणीय रवि शुक्ल भाईजी .. 

निम्नलिखित अश’आर मुझे विशेष तौर पर भा गये - 

चुप रहूँ ये कहा गया है मुझे,
और फिर घर बिठा गया है मुझे।

 

बस बदलती रहेंगी तस्वीरें,
फ्रेम जैसा बना गया है मुझे।

 

जाते जाते वो इक बहाने से,
दिल की धड़कन सुना गया है मुझे।

 

मैं न पीता तो और क्या करता,
जामो मीना थमा गया है मुझे।

 

ज़िक्र आया ही था बिछड़ने का,
साथ अपने रुला गया है मुझे।

 

इन ग़मों की हसीन सुहबत में,
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

बहुत खूब .. दाद दाद दाद .. 

जनाब रवि शुक्ला जी आदाब 

शानदार ग़ज़ल के लिए मुबारक बाद क़बूल करें

आदरणीय रवि साहब, खूबसूरत अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.

 'चुप रहूँ ये कहा गया है मुझे' ये मिसरा आदरणीय महेंद्र कुमार जी की पहली ग़ज़ल के एक मिसरे से टकरा गया है.  

आ. भाई रवि जी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

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Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
2 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
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3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
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