For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 26261

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बहुत खूब भाई मोहम्मद नायाब जी. उम्दा ग़ज़ल हुई है, सभी अशआर अच्छे है हालांकि हव्वे वाला शेअर भर्ती का लग रहा है। गिरह भी बहुत पसंद आई। शेअर-दर-शेअर मेरी  मुबारकबाद स्वीकार करें। 

//फैसला ये दिया गया है मुझे।।// 

फैसला तो सुनाया जाता है न? क्या इस मिसरे में "हुक्म ऐसा दिया गया है मुझे" करना बेहतर न होगा?

जनाब मोहम्मद नायाब साहब उम्दा कलाम के लिए दाद कबूल कीजिये|

नायाब भाई मुबारकबाद पेश करता हूँ |

आदरणीय नायाब साहब, लाजवाब गजल कहने के लिए बधाइयाँ।

मैं तो इंसान हूँ सभी के लिए ।

देवता क्यों कहा गया है मुझे ।।...इस अशआर पर खास तौर से बधाइयाँ

जनाब मोहम्मद नायब जी, आपकी ग़ज़ल बहुत प्रभावित की, गिरह लगाने का हुनर अच्छा लगा, बहुत बहुत बधाई। 

अच्छी ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय मोहम्मद नायाब जी| हार्दिक बधाई| 

आदरणीय नायब साहब, बहुत अच्छे अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.

मैं तो इंसान हूँ सभी के लिए ।

देवता क्यों कहा गया है मुझे ।। बहुत ही लाजवाब शे'र ।

             शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद भाई नायाब जी ।

( १ )
दीप   जैसा   बना  गया  है  मुझे
तम से लड़ना सिखा गया है मुझे।१।


कुछ भी हो पर न सच का साथ तजूँ
पथ  वो  ऐसा  दिखा  गया  है  मुझे।२।


दोष  मेरे  वो अपने  सर  लेकर
सब की नजरों उठा गया है मुझे।३।


बात उस की दुखों से तार गयी
गंगा जल ज्यों पिला गया है मुझे।४।


सब्र तौफ़ीक दे के जब से गया
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।५।


जिसकी रगरग में बस रहा था कभी
झट से पल में भुला गया है मुझे।६।


जिसको पूछा न था सुखों में कभी
वो ही दुख में निभा गया है मुझे।७।

मौलिक/अप्रकाशित

लक्ष्मण भाई, शायद अपने अपना सर्वश्रेष्ठ आने वाले दिनों  के लिए रख लिया।

बहरहाल इस ग़ज़ल के लिए बधाई।

आ. भाई अजय जी, सादर आभार।

पहले और आख़री बेहतरीन अशआर के साथ शानदार ग़ज़ल हेतु सादर हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, मुझे उचित प्रतीत नहीं होता कि मैं उपर्युक्त संवाद-प्रक्रिया पर कुछ…"
54 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
59 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण धामहजी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथलेश जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"एक छोटा सा अंतर है किसी को अपना उस्ताद या गुरु मानते हुए संबाेधित करने और मंच पर किसी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी ख़ूब है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार एक ग़ज़ल क ही आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखना एक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना उसकी तारीफ़ में जो…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service