For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निछावर जिसपे मैंने ज़िंदगी की- ग़ज़ल

मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ऊलुन
1222 1222 122
हज़ज मुसद्दस महजूफ़
———————————
निछावर जिसपे मैंने ज़िंदगी की,
उसे पर्वा नहीं मेरी ख़ुशी की
*
समझता ही नहीं जो दर्द मेरा,
निगाहों ने उसी की बंदगी की
*
वही इक शख़्स जो कुछ भी नहीं है,
हर इक मुश्किल में उसने रहबरी की
*
उसी का रंग है मेरे सुख़न में,
उसी से आबरू है शायरी की
*
उजाले गिर पड़े क़दमों पे आकर,
अंधेरों से जो मैंने दोस्ती की
*
अदीबों में है मेरा नाम शामिल,
मेरी आदत नहीं है मस्ख़री की
*
उसे पागल बना डाला किसी ने,
कभी जो अबरू थी इस गली की
*
हरिक ज़र्रे का जो ख़ालिक है यारो,
इबादत कर रहा हूँ मैं उसी की
—— सलीम “रज़ा”
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 220

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 16, 2023 at 1:32pm

अच्छी ग़ज़ल कही सलीम रजा साहिब...7वे शेर में सही शब्द "अबरू होगा या आबरू"?जानकारी के लिए?

Comment by SALIM RAZA REWA on November 7, 2023 at 8:29pm

 आपकी  महब्बत का बेहद शुक्रगुज़ार हूँ,

मोहतरम लक्ष्मण धामी साहब,

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 5, 2023 at 11:03pm

आ. भाई सलीम जी, अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by SALIM RAZA REWA on October 27, 2023 at 8:04am

मोहतरम  समर कबीर साहब ,

आपकी पुर-ख़ुलूश महब्बत के लिए दिल से मम्नून हूँ,

Comment by Samar kabeer on October 25, 2023 at 10:52pm

जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब, काफ़ी समय बाद ओबीओ पर आपकी ग़ज़ल देख कर मसर्रत हुई ।

ग़ज़ल के सभी अशआर ख़ूब हुए,इस ग़ज़ल पर मेरी मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service