22 22 22 22 22 22 22 2
सुख उसका दुख उसका है तो फिर काहे का रोना है
दौलत उसकी शोहरत उसकी क्या पाना क्या खोना है //
चाँद-सितारे उससे रोशन फूल में उससे खुशबू है
ज़र्रे-ज़र्रे में वो शामिल वो चांदी वो सोना है //
खुशिओं के वो मोती भर दे या ग़म की बरसात करे
उसकी हुकूमत है हर सू वो जो चाहे सो होना है //
सारी दुनिया का वो मालिक हर शय उसके क़ब्ज़े में
उसके आगे सब कुछ फीका क्या जादू क्या टोना है //
काम बुरे और बद-आमाली दोज़ख में ले जाएँगे
जन्नत में जाने की ख़ातिर पहले नेकी बोना है //
इक रस्ता जो बंद किया तो दस रस्ते वो खोलेगा
उसपे भरोसा रख तू प्यारे जो लिक्खा वो होना है //
गॉड ख़ुदा भगवान कहो या ईश्वर अल्लाह उसे कहो
वो ख़ालिक है वो मालिक है उसका कोना-कोना है //
साँसों पे उसका है पहरा धड़कन उसके दम से है
जिस्म 'रज़ा' है मिट्टी का तो क्या रोना क्या धोना है //
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी आपकी मोहब्बतों के लिए बेहद शुक्रिया।
मोहतरम समर साहब, आपकी मुहब्बत के लिए शुक्रिया,
अगर सिर्फ़ उसकी हो तो 22 है मगर ज़रूरत के मुताबिक़,
अगर आगे का लफ्ज़ सिंगल है तो और अरकान की ज़रूरत है तो
अख़िरी लफ्ज़ के मात्रा को गिरा सकते हैं
उसी का फ़ायदा लिया गया है,
2 1 1 22
उस कि हु कू मत
//उसकी हु/ कूमत है हर सू वो जो चाहे सो होना है'
2 11/ 22 //
'उसकी' शब्द अपने आप में 22 है तो मात्रा पतन करके आप उसे 21 क्यों करना चाहते हैं?
मोहतरम कबीर साहब आपकी मोहब्बत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,, अल्लाह आपको सलामत रखे
उसकी हु/ कूमत है हर सू वो जो चाहे सो होना है'
2 11/ 22
बदलाव कर दिया जाएगा
'काम बुरे और बद आमाली दोज़ख़ में ले जाएँगे, टाइपिंग मे आगे पीछे हो गया बहुत शुक्रिया.. इशारा के लिए
बढ़िया ग़ज़ल कही है सलीम साहब..बधाई
जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।
"उसकी हुकूमत है हर सू वो जो चाहे सो होना है'
इस मिसरे की बह्र चेक करें,'हुकूमत' शब्द 122 है ।
'बुरे काम और बद-आमाली दोज़ख में ले जाएँगे'
इस मिसरे की शुरुआत 1 से नहीं होती,इसे यूँ कर सकते हैं:-
'काम बुरे और बद आमाली दोज़ख़ में ले जाएँगे'
आदरणीय प्रदीप देवीशरण भट्ट जी आपकी मोहब्बतों के लिए बेहद शुक्रिया।
आदरणीय तेजवीर सिंह जी आपकी मोहब्बतों के लिए बेहद शुक्रिया।
बेहतरीन रज़ा जी
हार्दिक बधाई आदरणीय सलीम "रज़ा" रीवा साहब जी। बेहतरीन गज़ल।
इक रस्ता जो बंद किया तो दस रस्ते वो खोलेगा
उसपे भरोसा रख तू प्यारे जो लिक्खा वो होना है //
गॉड ख़ुदा भगवान कहो या ईश्वर अल्लाह उसे कहो
वो ख़ालिक है वो मालिक है उसका कोना-कोना है //
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