For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल: ख़त्म इकबाल-ए-हुकूमत को न समझे कोई (१४)

(२१२२ ११२२ ११२२ २२/११२ )
ख़त्म इकबाल-ए-हुकूमत* को न समझे कोई 
और लाचार अदालत को न समझे कोई 
***
मीर सब आज वुजूद अपना बचाने में लगे 
आम जनता की ज़रूरत को न समझे कोई 
***
ख़ून के रिश्ते भुला देती है जो इक पल में 
हैफ़ !भारत की सियासत को न समझे कोई 
***
जिस्म को छू लिया और इश्क़ मुकम्मल समझा 
इतना आसाँ भी महब्बत को न समझे कोई 
***
रक़्स करवाने की रखती है वो कुव्वत सबको 
आज कमज़ोर यूँ औरत को न समझे कोई 
***
इक तख़य्युल* है फ़क़त ज़ेहन का दोज़ख़-जन्नत 
मौत से पहले तो जन्नत को न समझे कोई 
***
जलजला और तलातुम से दिखाती गुस्सा 
फिर भी क़ुदरत की रिवायत को न समझे कोई 
***

'माँगता रहता है रोज़ाना बशर  कुछ रब से
जो अता की उस इनायत को न समझे कोई'

***

मयकशी हो कि कोई और नशा सब हैं बुरे'  

पर 'तुरंत' आज नसीहत को न समझे कोई 
***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी 
१४ /०१ /२०१९

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 766

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 19, 2019 at 2:41am

भाई Naveen Mani Tripathi जी ,

खाकसार का कलाम पसन्द करने और हौसला आफजाई का बेहद शुक्रिया 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 19, 2019 at 2:39am

भाई राज़ नवादवी जी बे'पनाह, मुहब्बतों, नवाज़िशों का दिल से बे'हद शुक्रिया ! शाद-औ-आबाद रहें

Comment by Naveen Mani Tripathi on January 19, 2019 at 12:49am

मीर सब अपना वजूद मिसरे अलिफ वस्ल का सुंदर प्रयोग ।

   अच्छी ग़ज़ल हुई । कबीर साहब की इस्लाह काबिल ए गौर है । 

Comment by राज़ नवादवी on January 19, 2019 at 12:21am

आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत साहब, आदाब. सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे दाद के साथ मुबारकबाद. सादर. 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 16, 2019 at 7:04pm

भाई  Mahendra Kumar जी ,बे'पनाह, मुहब्बतों, नवाज़िशों का दिल से बे'हद शुक्रिया ! शाद-औ-आबाद रहें

Comment by Mahendra Kumar on January 16, 2019 at 4:24pm

उम्दा ग़ज़ल हुई है आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 16, 2019 at 12:10pm

Md. anis sheikh साहेब 

बे'पनाह, मुहब्बतों, नवाज़िशों का दिल से बे'हद शुक्रिया ! शाद-औ-आबाद रहें

Comment by Samar kabeer on January 16, 2019 at 12:09pm

//वाह वाह इस्लाह पर ही दाद क़ुबूल फरमाएं//

बहुत शुक्रिया जनाब,महब्बत है आपकी । 

Comment by Md. Anis arman on January 16, 2019 at 11:19am

आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत "तुरंत "जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई हैं बहुत बहुत बधाई ,आपको पढ़ने में लुत्फ़ आता हैं 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 15, 2019 at 3:15pm

आदरणीय  Samar kabeer साहेब आदाब | वाह वाह इस्लाह पर ही दाद क़ुबूल फरमाएं | ग़ज़ल के प्रयास की सराहना के लिए सादर आभार | 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service