For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षीर सागर में ‘नारायण –नारायण’ की आवाज गूँज उठी . भगवान विष्णु ने स्वागत करते हुए कहा- ‘आइये मुनिवर ! क्षीरोदधि में आपका स्वागत है .’

‘भगवन कुछ चिंतित हैं ?’ नारद ने वीणा को हाथ में संभाला.

‘एक चिरंतन समस्या है, मुनिवर’ - भगवान ने उत्तर दिया .

‘समस्या और आपके सम्मुख ---? क्यों परिहास करते हैं प्रभु”

‘परिहास नही है मुने!  दुर्निवार समस्या है.

‘वह क्या प्रभो ?’

‘तुमने इंडियन टिपिकल सास के बारे में तो सुना होगा.’

‘हाँ हाँ प्रभो ---‘- नारद ने हँसते हुए कहा.

‘ये सब एक ही वर मांगती हैं कि बहू बेटे के वश में रहे और बेटा माँ के वश में रहे‘

‘इसमें समस्या क्या है ?

‘समस्या यह है कि तुम्हारी माता लक्ष्मी इससे सहमत नही हैं ‘

‘माता क्या चाहती हैं प्रभो ?’

‘लक्ष्मी का कहना है ऐसी उद्धत सासों की नाक में नकेल पड़नी ही चाहिए’

‘अर्थात ---?’

‘अर्थात वह चाहती हैं कि बेटे को बहू के वश में होना चाहिए. इससे सास की नाक में अपने आप ही नकेल लग जायेगी ‘

‘ठीक तो है, इसमें समस्या क्या है ?’

‘ब्रह्मर्षि तुमने सर्वशक्तिमान त्रिदेवों की अवस्था के बारे में नही सोचा ‘- भगवान ने व्यथित होकर कहा.

‘ओह ---------‘ नारद के हाथ से वीणा छूट गयी .

‘पर आपके पास विकल्प भी नही है प्रभो ‘ इतना कहकर नारद अंतर्धान हो गए.

(मौलिक/अप्रकाशित)

   

Views: 559

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Rama Dwivedi on April 19, 2018 at 6:33am

वाह ! एक सत्य को उजागर करती सार्थक लघुकथा | बधाई  आदरणीय |

Comment by Nilesh Shevgaonkar on April 18, 2018 at 8:26pm

आ. डॉ गोपाल जी,
आधी आबादी की पीड़ा का मार्मिक चित्रण करने  लिए बधाई 
;))))) 
सादर 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 18, 2018 at 8:18pm

आदरणीय डा साहब हलके फुल्के अंदाज में बड़ी अच्छी लघुकथा रची है...सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 18, 2018 at 4:28pm

आदरणीय गोपाल सर ..बहुत पसंद आई आपकी यह समर्थ लघु कथा...रचन के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Samar kabeer on April 17, 2018 at 12:08pm

जनाब डॉ.गोपाल नारायण जी आदाब,बढ़िया लघुकथा लिखी,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by vijay nikore on April 17, 2018 at 9:26am

बहुत ही सुन्दर लघु कथा। हार्दिक बधाई, भाई गोपाल नारायन जी... आपकी कलम बहुत ही अच्छी है।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 16, 2018 at 3:33pm

हार्दिक बधाई आदरणीय , बेहतरीन लघुकथा हुई है|

Comment by TEJ VEER SINGH on April 16, 2018 at 3:25pm

हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी। क्या दूर की कौड़ी ढूंढ कर निकाली है। बेहतरीन लघुकथा।

Comment by Shyam Narain Verma on April 16, 2018 at 1:41pm
इस अच्छी लघु कथा के लिए बधाई, आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
15 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service