For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (शिकायत भला हम करें क्या किसी से )

ग़ज़ल (शिकायत भला हम करें क्या किसी से )
----------------------------------------------------------
(फऊलन- फऊलन-फऊलन-फऊलन)

चुने हैं ग़मे यार अपनी ख़ुशी से |
शिकायत भला हम करें क्या किसी से |

मिले सिर्फ़ धोके ही अपनों से हम को
वफ़ा अब करेंगे किसी अजनबी से |

खिज़ाओं ख़बरदार उनकी है आमद
सदा फूल खिलते हैं जिनकी हँसी से |

मिला कर नज़र से नज़र यह बताएँ
हुआ दिल ये बर्बाद किस की कमी से |

कभी दोस्तों पर न इतराना हर गिज़
सबक़ हमने सीखा तेरी बे रुखी से |

वही सिसकियाँ और वही चन्द आँसू
मिला और क्या है तेरी दिल बरी से |

यही तज्रबा भी है तस्दीक़ मेरा
बना काम बिगड़े सदा आश्ती से |

आश्ती --सुलह

( मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 523

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 24, 2018 at 2:36pm

जनाब सुरेन्द्र इंसान साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफज़ाई
का बहुत बहुत शुक्रिया | किसी भी मुआम्ले में अगर लोगों के मशवरे से सुलह
की जाती है , तो अक्सर काम बिगड़ता ही है , बनता नहीं , यही उस शेर मे
इशारा किया गया है |

Comment by surender insan on January 24, 2018 at 12:33pm

वाह जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है जी बधाई कबूल करे जी। सादर नमन जी ।

आख़री  मिसरे में क्या कहा गया मैं समझ नही पाया। हालांकि आशती का अर्थ भी पढ़ा। सादर जी।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 24, 2018 at 11:53am

जनाब महेंद्र कुमार साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Mahendra Kumar on January 23, 2018 at 7:26pm

बढ़िया ग़ज़ल है आ. तस्दीक़ जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 22, 2018 at 9:55am

जनाब सलीम रज़ा साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by SALIM RAZA REWA on January 22, 2018 at 9:07am
जनाब तस्दीक़ साहब,
मतला से मक़ता तक ख़ूबसूरत शेर...... वाह क्या कहने मुबारक़बाद क़ुबूल करें.
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 20, 2018 at 8:04pm

जनाब ब्रजेश कुमार साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 20, 2018 at 3:19pm

आदरणीय तस्दीक साहब बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है..सादर

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 19, 2018 at 12:13pm

जनाब आमोद बिंदोरी साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on January 19, 2018 at 12:01pm
  • Wahh bahut khub 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service