For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“सर, दरवाजा खोलिए” प्रोफेसर राघव की शोध छात्रा नूर ने दरवाजे पर दस्तक देते हुए आवाज दी

“अरे! नूर तुम, दोपहर में अचानक, कैसे?” दरवाजा खोलते हुए प्रोफेसर राघव ने आने की वजह जाननी चाही

“ हाँ सर, एक रिसर्च पेपर में करेक्शन के लिए आई थी”

“ पर अभी तो मैडम घर पर नहीं हैं,और बाज़ार से कब तक लौटें इसका भी अंदाज नहीं है,आखिर तुम कब तक इस धूप में बाहर इंतज़ार करोगी”  प्रोफेसर राघव् ने त्वरित जवाब  दिया

“ बाहर क्यों सर ?” नूर ने कौतूहल से पूंछा

‘’ बस कुछ विबशता है “

“ कैसी विबशता सर “ चौंकते हुए अंदाज में नूर ने पूंछा

“ बात सिर्फ इतनी है नूर कि कुछ हैवानो की हैवानियत ने ऐसे प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं कि स्त्री पुरुष प्रजाति का तन्हाई में एक साथ होना,चंद रिश्तों को छोड़कर, समाज को अनैतिक ही लगता है”

“ लेकिन सर मैं तो आपकी बेटी जैसी हूँ “

“ हाँ! मैं जानता हूँ लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि इसमें उम्र के फासले और बालों की सफेदी भी अपने अर्थ खो चुकी है .....और ..और हम जैसे साधारण लोग अपनी पवित्रता को सिद्ध करने के लिए सीता जैसी अग्नि परीक्षा भी तो नहीं दे सकते हैं “ गंभीर मुद्रा में प्रोफेसर राघव नूर को समझा रहे थे

“ मैं सब समझ गयी सर” दरवाज़े से अपने कदम पीछे हटाते हुए नूर ने कहा

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 745

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on December 14, 2017 at 4:40pm

बहुत ही खूबसूरत लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय  डॉ.आशुतोष मिश्रा जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 29, 2017 at 7:38pm
लाजवाब कोटि कोटि बधाई
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 28, 2017 at 4:00pm
आदरनीय समर सर रचना पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए आशीर्वाद सम होती है ह्रदय से आभारी हूँ आपका सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 28, 2017 at 3:58pm
आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी लघु कथा लेखन के आरती झुकाव आपकी रचनाये सतत पढ़कर ही हुआ है आपका मार्गदर्शन मुझे मिलता रहे इस कामना के साथ सादर
Comment by Samar kabeer on November 28, 2017 at 2:23pm
जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 27, 2017 at 8:59pm
वाह। बेहतरीन सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी। जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब और जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'जी की टिप्पणियों से सहमत हूं।
Comment by नाथ सोनांचली on November 27, 2017 at 6:28pm
डॉ आशुतोष मिश्रा जी सादर अभिवादन। बढ़िया विषय लिया है आपने, वैसे गेंहू के साथ घुन भी पीस जाता है, क्योकि ऐसा माहौल बनाने में केवल एक पक्ष दोषी नहीं है, तथापि इसमें अच्छे लोग भी हैं। बढ़िया विषय को लघुकथा के रूप में ढालकर बेहद संजीदगी से आपने इसे प्रस्तुत किया है। कुछ वर्तनीगत अशुद्धियाँ भी हैं जिसे देख लीजियेगा। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारें।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 27, 2017 at 1:07pm
आदरणीय तेजवीर जी रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 27, 2017 at 1:04pm
आदरणीय आरिफ जी रचना पर आपकी उत्साहवर्धक और मार्गदर्शल प्रतीक्रिया के। लिए ह्रदय से आभारी हूँ पात्र के नाम के सम्बन्ध में आपके अनमोल सुझाव के लिए हार्दिक आभार सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on November 26, 2017 at 8:23pm

हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ आशुतोष जी।बेहतरीन एवम संदेश प्रद लघुकथा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service