For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेईमान सारे एक हैं- डा० विजय शंकर

बेईमानी की इतनी विधाएँ हैं
झूठ के रूप अनेक हैं
फिर भी बेईमान सारे एक हैं |
ऐसा भाई-चारा , ऐसा प्रेम ,
शायद ही कहीं किसी कर्म-क्षेत्र
के रखवालों में मिले , दुर्लभ है ।
दूसरी और सच एक है ,
ईमानदारी एक है ,
न सच के दो रूप हो सकते हैं ,
न ईमानदारी के |
फिर भी दो सच्चे ईमानदार
कभी एक नहीं हो सकते हैं
उनका एक होना दुर्लभ है ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 698

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 3, 2016 at 6:05am
वाह! आदरणीय सुश्री कान्ता रॉय जी , जब कोई किसी पुरानी रचना पर पहुँच कर याद कर लेता है तो खुशी कई गुना अधिक होती है , वैसे भी हम लोग जो भी लिखते हैं वह साधारण होते हुए भी सदैव सामयिक और प्रासंगिक ही लगता है क्योंकि यहां बदलता तो सिर्फ आदमी है , बाकी तो सब कुछ वैसा ही रहता है।
रचना पर आपकी उपस्थित एवं उसे मान देने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by kanta roy on June 2, 2016 at 11:03pm

बेईमानी की इतनी विधाएँ हैं
झूठ के रूप अनेक हैं
फिर भी बेईमान सारे एक हैं |
ऐसा भाई-चारा , ऐसा प्रेम ,
शायद ही कहीं किसी कर्म-क्षेत्र
के रखवालों में मिले , दुर्लभ है ।-----सौ टका  सच्ची  बात  कही  है  आपने  ,बढ़िया है ! 

दूसरी और सच एक है ,
ईमानदारी एक है ,
न सच के दो रूप हो सकते हैं ,
न ईमानदारी के |
फिर भी दो सच्चे ईमानदार
कभी एक नहीं हो सकते हैं
उनका एक होना दुर्लभ है---कटु  सत्य है  ये  भी ....शानदार  रचना  है  ये  आपकी  आदरणीय  डॉ विजय शंकर  जी .बधाई  आपको 

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 13, 2014 at 9:39pm
धन्यवाद आदरणीय डॉ o प्राची सिंह जी .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 10, 2014 at 2:09pm

बेईमानों की अनेकता में एकत्व का होना ... सही है

इस प्रस्तुति के लिए बधाई आ० विजय शंकर जी 

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 4, 2014 at 7:20pm
आदरणीय डॉ ० आशुतोष मिश्रा जी ,
सम्मानित बधाई के लिए धन्यवाद एवं आभार .
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 4, 2014 at 7:18pm
आदरणीय जीतेन्द्र जी ,
बधाई के लिए धन्यवाद .आपने गहराई को देखा , आभार .
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 4, 2014 at 7:15pm
आदरणीय बृजेश नीरज जी ,
हार्दिक बधाई के लिए धन्यवाद .
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 3, 2014 at 3:10pm
आदरणीय विजय जी ..आपके चिंतन में अनोखी ताजगी देखी ..इस चिंतन को सलाम सादर
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 1, 2014 at 10:00am

यही बिडम्बना है सारे इमानदार या  सच एक नहीं हो सकते क्युकी शायद उनके भी अपने अलग-अलग पैमाने होते है.  इस प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई आदरणीय डा.विजय जी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 1, 2014 at 9:52am

आ० विजय भाई भाव अच्छे है , शिल्प में और कसावट की आवश्यकता है , हार्दिक बधाई कबूलें l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service