For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जमीर कीमती है ,रखते हैं - डा० विजय शंकर

हवा में दम है , उड़ा के ले जाये हमको ,
जम गए हम तो खुद ना हीं हटा करते हैं |

हुकूमत है , हुक्मरान बदलते रहते हैं ,
साथ में हम भी बदलें , यह नहीं करते हैं |

मंहगाई है ,दिन ब दिन बढ़ती रहती है ,
भाव बढ़ा लें अपना ,न , हम नहीं करते हैं |

कमोडिटी नहीं हैं , गायब हैं बाजार से ,
ज़िंदा हैं , खिदमत है दुनियां की, करतें हैं |

जमीर कीमती है , औकात है ,रखते हैं ,
सौदागर हैं , यह तिज़ारत नहीं करते हैं |

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 11, 2014 at 1:26pm
आदरणीय सौरभ पांडे जी , रचना आपको पसंद आई , धन्यवाद . सुझाव का ध्यान रखूंगा .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 11, 2014 at 12:15am

आदरणीय विजय शंकरजी,

आपकी इस रचना के लिए बधाई. कहन या कथ्य बहुत ही उम्दा है. आदरणीय भाई अरुन अनन्त के कहे पर विचार करना उचित होगा.

सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 7, 2014 at 10:01pm
आदरणीय गिरिराज जी ,
रचना की बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद . चार दशकों की सरकारी सेवा के बाद जो कुछ लिखता हूँ उसका मकसद अपने अनुभवों और भावों को लोगों तक पहुँचाने का प्रयास है और उसके लिए सरल और सहज , समझ में आने वाली भाषा का प्रयोग करता हूँ. अब वह साहित्य की कौन सी विधा है इस पर ध्यान काम ही देता हूँ . वैसे विश्वास है आपका सानिध्य रहा तो वह भी सीख ही जाऊंगा . सादर .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 7, 2014 at 7:36pm

आदरणीय विजय भाई , सुन्दर रचना के लिये बधाइयाँ ॥ आदरणीय पर आपने ग़ज़ल कही है तो ये रचना गज़ल नही हो पाई है , बह्र मे कुछ कमियाँ हैं ॥सादर ॥

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 6, 2014 at 10:03pm
बहुत बहुत धन्यवाव आ o अरुण शर्मा ' अनंत ' जी , सुझाव अच्छा है , मूड बन गया तो वो भी हो जायेगा।
Comment by अरुन 'अनन्त' on July 6, 2014 at 5:11pm

आदरणीय विजय जी सुन्दर रचना इसे ग़ज़ल का रूप दीजिये इस रचना पर बधाई स्वीकारें.

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 6, 2014 at 12:32pm
आदरणीय गोपाल नरायन जी , सादर बहुत बहुत धन्यवाद।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 6, 2014 at 11:59am

विजय शंकर जी

क्या ग़ज़ल कही है i बहूत खूब -जमीर कीमती है , औकात है ,रखते हैं ,
                                          सौदागर हैं , यह तिज़ारत नहीं करते हैं

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 6, 2014 at 11:55am
प्रिय जितेन्द्र जी , बहुत बहुत धन्यवाद .
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 6, 2014 at 11:10am

जमीर कीमती है , औकात है ,रखते हैं ,
सौदागर हैं , यह तिज़ारत नहीं करते हैं........वाह! बहुत खूब, क्या बात कही है आपने. हार्दिक बधाई आदरणीय डा.विजय जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service