For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है

तमन्नाओं को फिर रोका गया है
बड़ी मुश्किल से समझौता हुआ है.
.
किसी का खेल है सदियों पुराना
किसी के वास्ते मंज़र नया है.
.
यही मौक़ा है प्यारे पार कर ले
ये दरिया बहते बहते थक चुका है.
.
यही हासिल हुआ है इक सफ़र से  
हमारे पाँव में जो आबला है.
.
कभी लगता है अपना बाप मुझ को  
ये दिल  इतना ज़ियादा टोकता है.
.
नहीं है अब वो ताक़त इस बदन में
अगरचे खून अब भी खौलता है.
.
हम अपनी आँखों से ख़ुद देख आए
वहाँ बस तीरगी का सिलसिला है.
.
बहुत सी लडकियाँ मरती हैं उस पर
वो लड़का, हाँ वही जो साँवला है.
.
ग़ज़ल में “नूर”! वो सब तू सुना दे
तेरे जीवन में जो कुछ अनकहा है.
  .
निलेश "नूर"
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 1123

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on Wednesday

धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .
क्षमा सहित..आभार 

Comment by Ravi Shukla on December 20, 2022 at 1:40pm

वाह वाह नीलेश जी बहुत शान दार ग़ज़ल कही है आपने शेर दर शेर मुबारकबाद कुबूल करिये । एक के बाद एक  उम्दा शेर हुआ है ।  

Comment by Nilesh Shevgaonkar on November 6, 2021 at 6:12pm

धन्यवाद आ. आरज़ू जी  

Comment by Anjuman Mansury 'Arzoo' on November 3, 2021 at 11:07am

आदरणीय नीलेश नूर जी आदाब, बहुत शानदार ग़ज़ल की दिली मुबारकबाद कुबूल फ़रमाएँ,  आदरणीय चेतना प्रसाद जी की प्रतिक्रिया से सहमत

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 27, 2021 at 7:32am

धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 27, 2021 at 7:31am

धन्यवाद आ. सालिक जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 27, 2021 at 7:31am

धन्यवाद आ. बृजेश जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 27, 2021 at 7:27am

आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गज हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by सालिक गणवीर on October 24, 2021 at 7:49pm

भाई  Nilesh Shevgaonkar जी
सादर प्रणाम
बहुत दिनों बाद पटल पर आपकी ग़ज़ल पढ़ कर मज़ा आ गया। आपकी शैली मुझे बहुत भाती है. ग़ज़ल पर गुणीजनों की टिप्पणियाँ पढ़ते हुए ही नई जानकारियां भी मिल गई। सलामत रहें।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 17, 2021 at 4:55pm

एक अलग ही अंदाज की ग़ज़ल पढ़ने को मिली आदरणीय नीलेश जी..और उसपे हुई चर्चा बड़ी महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके अनुभव को विचार में लेते हुए आपकी ग़ज़ल को एक अन्य दृष्टिकोण से देख रहा हूँ मैं और आपके शेर में…"
6 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सर जी, Don't shoot the Messenger  सादर"
16 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. अजय जी, ज़मीन पर आँधी आती है। तूफ़ान समुंदर में आते हैं। यह बात मुझे 10 साल पहले समर सर ने समझाई…"
18 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नीलेश जी आप शायद मुझे 5-6 साल से इन मंच पर देख रहे होंगें। मेरी भी आदत किसी बात को व्यक्तिगत रूप से…"
28 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आभार आ. ऋचा जी"
28 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आभार आ. गजेन्द्र जी"
29 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय नीलेश जी, विस्तृत व्याख्या के मलते में नेता मिल के भ्रष्टाचार करते हैं लेकिन असल में ऐसा…"
38 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. अजय जी मेरी किसी टिप्पणी में कोई तंज़ नहीं है। आपके मिथ्या आरोप मेरी भावनाएं अवश्य आहत कर रहे…"
53 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजेय जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सुधार किए हैं  सादर "
56 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय निलेश जी  बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी बताने के लिए।  मतले का सुझाव बेहतर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शकूर जी  हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका इतने विस्तार से आपने बताया सब आभार…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"श्रीमान नीलेश जी, अपनी बातचीत की शैली सुधारिए। हर बात तंज में कहना आवश्यक नहीं होता। आपने पिछले…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service