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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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इस ग़ज़ल में तनिक कहन कमजोर लगी, बधाई आपकी दूसरी प्रस्तुति में.

बढ़िया ग़ज़ल हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी| हार्दिक बधाई| 

ग़ज़ल-II
.
ऐसी घुट्टी पिला गया है मुझे
ख्व़ाब झूठे दिखा गया है मुझे
.
अच्छे दिन आयेंगे ये कह-कह कर
अगला,,, उल्लू बना गया है मुझे.
.
“शेर है शेर” कह के पाला था
मार कर दुष्ट खा गया है मुझे.
.
खून में उस कुटिल के था व्यापार
भाइयों से लड़ा गया है मुझे.
.
झूठे जुमलों का कितना एहसां है     
“सब्र करना तो आ गया है मुझे.”
.
ढेर पकवान होंगे सोचा था
बस पकौड़े खिला गया है मुझे.
.
सब्ज़-बाग़ों भरे वो विज्ञापन
प्लान कर के ठगा गया है मुझे.
.
इस कहानी में राजा नंगा है
एक बच्चा बता गया है मुझे.
.
मौलिक/  अप्रकाशित 

आदरणीय नीलेश जी शानदार अलग अंदाज़ मे व्यंग के बाण चलाये है आपने ....

खून में उस कुटिल के था व्यापार 
भाइयों से लड़ा गया है मुझे....

ढ़ेरों शुभकामनायें 

शुभ शुभ ..

शुक्रिया आ. नादिर खान साहब 

आ. भाई नीलेश जी, दूसरी प्रस्तुति भी बेहतरीन हुयी है । हार्दिक बधाई ।

शुक्रिया आ. लक्ष्मण जी 

वाह आदरणीय निलेश भाई क्या खूब अंदाज़ है, हार्दिक बधाई आपको

शुक्रिया आ. शिज्जू भाई 

जनाब निलेश नूर साहिब,

उम्दा तख़्लीक बहुतबहुत मुबारकबाद आपको,

"अगला,,,उल्लू बना गया है मुझे"

इस मिसरे का जवाब नहीं,,

शुक्रिया आ. अफ़रोज़ साहब 

आ0नीलेश  जी वाह बहुत खूब ग़ज़ल हुई पढ़ कर मजा आ गया । हार्दिक बधाई ।

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
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"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
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