For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन बहुत अकेला है

मन बहुत अकेला है - - - -

आँखे तुमने बंद करीं

सब संज्ञाए बदल गई

बाद तुम्हारें कितनी ठेलम-ठेला है !

मन बहुत अकेला है - - - -

रिश्ते नए क्रम में आए

प्रतिबद्धताएँ बदल गईं

मनोभाव से सबने मेरी खेला है !

मन बहुत अकेला है - - - -

बैठ अकेले में कैसे संताप करूँ

अब बीते का क्या आलाप करूँ

आगत-आज में हुआ झमेला है

मन बहुत अकेला है - - - -

तुमसे निजता का उपहार सम्भाले हूँ

खुले हाट में अपना भाव सम्भाले हूँ

जीवन ऊँच-नीच का खेला है!

मन बहुत अकेला- - - -

सोमेश कुमार(मौलिक एवं अप्रकाशित )

 

  

Views: 447

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 1, 2015 at 8:16am

आदरणीय सोमेश जी भावों की अच्छी अभिव्यक्ति है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by khursheed khairadi on December 31, 2014 at 11:51am

बैठ अकेले में कैसे संताप करूँ

अब बीते का क्या आलाप करूँ

आगत-आज में हुआ झमेला है

मन बहुत अकेला है - - - -

आदरणीय सोमेश कुमार जी सभी बंध सुन्दर हैं |भावाभिव्यक्ति लाज़वाब है |सादर अभिनन्दन |

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 5:25am
सुन्दर. बधाई, आदरणीय सोमेश कुमार जी।
Comment by Hari Prakash Dubey on December 30, 2014 at 10:52pm

अब बीते का क्या आलाप करूँ

आगत-आज में हुआ झमेला है.......सुन्दर प्रयास ,सुन्दर भाव ,बधाई आपको सोमेश भाई !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 30, 2014 at 8:12pm

SOMESH JEE

अच्छा प्यारा प्रयास i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 30, 2014 at 7:03pm

सुन्दर प्रस्तुति .... बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service