For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मानवता के अग्रदूत

मानवता के अग्रदूत बन
नववाहक सच्चे सपूत बन
किया स्वप्न तूने साकार
नत मस्तक पशुता बर्बरता
देख अहिंसा का हथियार
तुझसे धन्य हुआ संसार ll

मानवता का ध्वज लहराए
जन जन को सन्मार्ग दिखाए
तेरे दया धर्म के आगे
जग लगता कितना आसार
तुझसे धन्य हुआ संसार ll

नित सुकर्म भरपूर किया है
हर विषाद को दूर किया है
श्रम प्रसूति के बल से बापू
किया चतुर्दिक बेड़ा पार
तुझसे धन्य हुआ संसार ll

प्रनत भाव कण कण में भर दी
दिव्य पुरुष ज्योतित जग कर दी
बलाक्रान्त हो काँप रहे जन
तुरत किया सबका उद्धार
तुझसे धन्य हुआ संसार ll

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 10, 2018 at 7:35am

आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आपका हृदय से आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 10, 2018 at 7:33am

आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सफल हुई आपका बहुत बहुत आभार सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 9, 2018 at 5:16pm
आदरणीय छोटे लाल सिंह जी बापू की जीवनी को उद्धृत करती इस शसक्त रचना के लिए ढेर सारे बधाई स्वीकार करें सादर
Comment by Naveen Mani Tripathi on October 9, 2018 at 10:46am

आ0 छोटे लाल सिंह साहब बहुत सुंदर प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 6, 2018 at 1:16pm

परमादरणीय समर साहब जी उत्साह वर्धन के लिए आपका दिल से आभार कृपा दृष्टि बनाए रखें

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 6, 2018 at 1:14pm

आदरणीय सुशील सरना जी आपका बहुत बहुत आभार 

Comment by Sushil Sarna on October 3, 2018 at 4:34pm

नित सुकर्म भरपूर किया है
हर विषाद को दूर किया है
श्रम प्रसूति के बल से बापू
किया चतुर्दिक बेड़ा पार
तुझसे धन्य हुआ संसार ll ... आदरणीय डॉ छोटेलाल जी बहुत सुंदर रचना का प्रेषण किया है आपने। हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on October 3, 2018 at 3:00pm

जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 3, 2018 at 2:30pm

उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय रामबली जी 

Comment by रामबली गुप्ता on October 3, 2018 at 10:09am

वाह वाह डॉ साहेब बहुत ही भावपूर्ण और प्रवाहपूर्ण रचना हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
13 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service