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ग़ज़ल- सर पे मेरे तभी ईनाम न था।

बह्र - फाइलातुन मफाइलुन फैलुन

काबिले गौर मेरा काम न था
सर पे मेरे तभी ईनाम न था।

मैं जिसे पढ़ गया धड़ल्ले से,
वाकई वो मेरा कलाम न था।

हाट में मोल भाव क्या करता,
जेब में नोट क्या छदाम न था।

लोग मुँहफट उसे समझते थे,
जबकि वो शख्स बेलगाम न था।

गाँव के गाँव बाढ़ से उजड़े
बाढ़ का कोई इन्तजाम न था।

सर झुकाया नहीं कभी उसने,
वो शहंशाह था गुलाम् न था।

उसका मालिक तो बस खुदा ही था,
घर में जिनके दवा का दाम न था।

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 23, 2017 at 6:26pm

आदर्णीय तिवारी जी आप सही कह रहे हैं। छदाम शब्द पुलिंग की तरह हिन्दी में प्रयोग होता है। जेब में कुल ले दे के एक छदाम था वह भी कहीं गिर गया। ऐसा कहते हैं। उर्दू मे हो सकता है स्त्रीलिंग हो। 

Comment by Ajay Tiwari on December 23, 2017 at 5:18pm

आदरणीय अफ़रोज़ साहब,

मैंने 'छदाम' के हिंदी में पुलिंग होने की बात कही थी उर्दू में नहीं. कई शब्द ऐसे हैं जिनका हिंदी और उर्दू में अलग-अलग लिंगों में इस्तेमाल होता है. जैसे चर्चा हिंदी में होती है उर्दू में होता है. 

सादर  

Comment by Afroz 'sahr' on December 21, 2017 at 12:24am

आदरणीय अजय तिवारी जी "हिंदी शब्द सागर" और "मानक हिंदी कोष"के हवाले से आपने प्रुव किया है। कि लफ़्ज़ "छदाम" पुल्लिंग है। इसी तरह बहुत ही मारूफ़ ओ मोतबर शब्द कोष "फ़िरोज़ उल लुगा़त" नवीन एडिशन  "2011" के पेज क्रमांक '552' पर लफ़्ज़  "छदाम" मुअन्नस अर्थात स्त्रीलिंग अंकित है। देखिएगा सादर,,,

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 20, 2017 at 8:21pm

आदर्णीय लक्ष्मण धामी जी ग़ज़ल पसन्दगी के लिये सादर आभार

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 20, 2017 at 7:23pm

आ. भाई रामअवध जी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Ajay Tiwari on December 20, 2017 at 12:54pm

आदरणीय अफ़रोज़ साहब,

'हिंदी शब्दसागर' और 'मानक हिंदी कोश' दोनों  के अनुसार 'छदाम' पुलिंग ही है. (देखें : हिंदी शब्दसागर - भाग -3 पृष्ठ-1615. 'मानक हिंदी कोश' भाग-2 पृष्ठ-297)  

हिदी विश्विद्यालय के 'वर्धा हिंदी कोश' के अनुसार भी यह पुलिंग ही है. यह कोश ऑनलाइन भी उपलब्ध है :

http://www.hindisamay.com/content/3159/19/-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4... 

सादर 

Comment by Afroz 'sahr' on December 20, 2017 at 9:56am

आदरणीय अजय तिवारी साहिब आदाब लफ़्ज़ "छदाम" हिंदी में मुअन्नस अर्थात स्त्रीलिंग होता है। जिसे हिंदी में "दमड़ी" भी कहा जाता है। जो कि पैसे का चौथा हिस्सा/चौथाई होता है।

लफ़्ज़ "दमड़ी" भी लफ़्ज़ "छदाम" की भाँति मुअन्नस अर्थात स्त्रीलिंग होता है।,,,सादर

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 20, 2017 at 6:43am

आदर्णीय सतविन्द्र कुमार जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 19, 2017 at 10:17pm

आदरणीय राम अवध जी हार्दिक बधाई स्वीकारें उम्दा गजल के लिए 

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 19, 2017 at 7:58pm

आदर्णीय अजय तिवारी जी आपके द्वारा की गई सटीक टिप्पणी एवं हौसला बढ़ाने के लिये आपका बहुत बहुत आभार

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