For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- एक नेता हर गली कूचे में है।

बह्र - फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

2122 2122 212
वो कबूतर बाज के पंजे में है।
फिर भी कहता है भले चंगे में है।

हम उसे बूढ़ा समझते हैं मगर,
एक चिन्गारी उसी बूढ़े में है।

ये सियासत आज पहुँची है कहाँ,
एक नेता हर गली कूचे में है।

वो मज़ा शायद ही जन्नत में मिले,
जो मज़ा छुट्टी के दिन सोने में है।

इस सियासत में फले फूले बहुत,
कितनी बरकत आपके धंधे में है।

नींद जो आती है खाली खाट पर,
वो कहाँ पर फोम के गद्दे में है।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 774

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on December 13, 2017 at 4:15am

आद0 राभ अवध विश्कर्मा जी सादर अभिवादन। बेहतरीन ग़ज़ल का पेश की आपने, शैर दर शैर बधाई स्वीकार कीजिये। सादर

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 12, 2017 at 4:42pm

आदरणीय शिज्जु शकूर जी ग़ज़ल सराहना के लिये सादर आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 12, 2017 at 3:30pm

आदरणीय राम अवध विश्वकर्मा सर बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 12, 2017 at 2:18pm

आदरणीय तिवारी जी ग़ज़ल सराहना के लिये आपका सादर आभार

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 12, 2017 at 2:17pm

आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी आपका बहुत बहुत आभार

Comment by Ajay Tiwari on December 12, 2017 at 12:53pm

आदरणीय राम अवध जी,

वो मज़ा शायद ही जन्नत में मिले,
जो मज़ा छुट्टी के दिन सोने में है. ....परम सत्य! बहुत खूब. 

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाईयाँ

सादर 

Comment by Gurpreet Singh jammu on December 11, 2017 at 9:38am

वाह ,, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय राम अवध जी

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 9, 2017 at 7:14pm

आदर्णीय तस्दीक़ अहमद साहब ग़ज़ल सराहना के लिये बहुत बहुत आभार

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 9, 2017 at 4:31pm

जनाब राम अवध साहिब ,अच्छी ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 8, 2017 at 10:11am

आदरणीय श्यामनारायण वर्मा जी। आदाब ।ग़ज़ल सराहना के लिये आपका सादर आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted discussions
9 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. भाई वृजेश जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। मतले में यदि उन्हें सम्बोधित कर रहे हैं…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service