For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - यूँ ही गाल बजाते रहिये

यूँ ही गाल बजाते रहिये।
भोंपू सा चिल्लाते रहिये।

अपना उल्लू सीधा करके,
दो का चार बनाते रहिये।

जिससे काम बने बस वो ही,
पट्टी रोज पढ़ाते रहिये।

सूरज उगने ही वाला है,
ये एहसास कराते रहिये।

हम प्रतिपालक हम हैं रक्षक,
चीख चीखकर गाते रहिये।

जीती बाजी हार न जायें,
दाँव पेंच दिखलाते रहिये।

जिनको राह के रोड़े समझें
उनको रोज हटाते रहिये।

मौलिक एवं अप्रकाशित रचना

Views: 972

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on October 23, 2017 at 1:06pm
आदरणीय अवध वविश्वकर्मा जी आदाब, बढ़िया ग़ज़ल । शै'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । मंच की परंपरा के अनुसार अरकान लिखे होते तो समझने में और सीखने में आसानी होती।
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 22, 2017 at 9:04pm
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी आपके द्वारा एक लाज़बाब शेर ग़ज़ल में वृद्धि के लिये।
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on October 22, 2017 at 8:57pm

जीती बाजी हार न जायें,
दाँव पेंच दिखलाते रहिये।

जिनको राह के रोड़े समझें
उनको रोज हटाते रहिये।

अपना सीना ठोक ठोक कर
यूं ही रौब जमाते रहिये!

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 22, 2017 at 8:52pm
आदरणीय मंडल साहब सादर धन्यवाद ग़ज़ल सराहना के लिये
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 22, 2017 at 8:50pm
आदरणीय ब्रज साहब सादर धन्यवाद
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 22, 2017 at 8:49pm
सादर धन्यवाद आदरणीया कल्पना भट्ट जी
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 22, 2017 at 8:25pm

उम्दा ग़ज़ल आदरणीय , सदर बधाई |

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 22, 2017 at 8:04pm
उम्दा ग़ज़ल हुई आदरणीय..बधाई
Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 22, 2017 at 3:11pm

आदरणीय राम अवध विश्वकर्मा जी , सामयिक विषय पर बहुत खुबसूरत ग़ज़ल हुई है |बधाई आपको 

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 21, 2017 at 4:54pm
ज़नाब मुहम्मद आरिफ साहब। गज़ल की सराहना केलिये सादर आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service