नेह रचित इक बाती रखना
दीप दान की थाती रखना
जग के अंकगणित में उलझे
कुछ सुलझे से कुछ अनसुलझे
गठबंधन कर संबंधों की
स्नेहिल परिमल पाती रखना
कुछ सहमी सी कुछ सकुचाई
जिनकी किस्मत थी धुंधलाई
मलिन बस्तियों के होठों पर
कलियाँ कुछ मुस्काती रखना
बंद खिडकियों को खुलवाकर
दहलीजों पर रंग सजाकर
जगमग बिजली की लड़ियों से
दीपमाल बतियाती रखना
मधुरिम मधुरिम अपनेपन का
अभिनन्दन कर उत्सव मन का
बचपन की फुलझड़ियों सी तुम
चंचल काना-बाती रखना
-मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कबीर सर आपके सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं सर अंक- गणित के पूर्व 'के' शब्द का ही प्रयोग होना चाहिए था सामान्यत: हम गणित की पुस्तक बोलते रहे हैं इस वज़ह से यह गलती हुई |मैं इसमें सुधार कर लूंगी आदरणीय किन्तु
गठबंधन कर संबंधों की' में 'की' का सम्बन्ध ' पाती' से है गठबंधन कर संबंधों की स्नेहिल परिमल पाती रखना
तो मेरे ख्याल से यह सही होना चाहिए फिर भी आपके सुझाव अनमोल हैं तो इस दृष्टि से विचार कर बताइयेगा
आपका कहना सही है कि शिल्प और प्रवाह सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं और अभ्यास से इसमें निखार आता है कार्यभार की अधिकता के चलते इस खामी को दूर कर पाना अभी संभव नहीं हो पा रहा फिर भी मैं मन से सीखना चाहती हूँ
इसलिए वेकेशन का एक दिन भी प्रयोग कर पाऊं तो ख़ुशी मिलती है
आपके सुझावों के बहुत बहुत आभारी हूँ आदरणीय
बहुत बहुत आभार आदरणीय आरिफ साहब आदरणीय शहज़ाद सर और आदरणीय सलीम सर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online