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"पीपल वही पुराना हो"

नवजीवन में नव आशा से

नव नूतन कुछ कर्म करें

नव भक्ति से नव शक्ति से

शुभ नया वर्ष प्रारम्भ करें !

नयी सोच हो नए इरादे

नव सरिता की गागर हो

लक्ष्य नए आयाम नए

नव अभिलाषा का सागर हो !

नव बातें नव किस्सें हो

पर पीपल वही पुराना हो

हो ताल नयी हो राग नए

पर मन में वही तराना हो !

हो नया जोश हो नया सफ़र

नव नौका हो नव धारा हो

नव रिश्तें हों नव जीवन के

पर प्रेम पुरातन प्यारा हो !

जो बीत गया सो बीत गया

अब प्रिय नया संघर्ष करें

नव खुशियों से नव चाहत से

शुभ नया वर्ष प्रारंभ करें !!

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

        

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Comment

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Comment by Hari Prakash Dubey on January 4, 2015 at 5:29pm

आपका हार्दिक आभार  आदरणीय  राम शिरोमणि पाठक जी !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 4, 2015 at 5:07pm

"आदरणीय इं. गणेश जी  "बागी" सर, रचना पर आपकी उपस्तिथि  एवम् उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार , सादर !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 4, 2015 at 4:55pm

वाह वाह, क्या बात है .....

//नव बातें नव किस्सें हो

पर पीपल वही पुराना हो//

बहुत ही उम्दा सोच, रचना बहुत पसंद आयी, एक ठोस प्रस्तुति पर हृदय से बधाई आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी .

Comment by Hari Prakash Dubey on January 4, 2015 at 3:28pm

आपके उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार  आदरणीय  शिज्जु "शकूर" जी !सादर 

Comment by ram shiromani pathak on January 4, 2015 at 3:28pm
बहुत प्यारी रचना आदरणीय।हार्दिक बधाई आपको
Comment by Hari Prakash Dubey on January 4, 2015 at 3:27pm

आदरणीय  डॉक्टर विजय शंकर सर , रचना पर समर्थन के लिए आपका आभार ,आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 4, 2015 at 3:24pm

शिशिर  जी ,आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें , इस मंच पर पोस्ट करते रहिये , बहुत ही गुणीजन हैं यहाँ पर सभी का मार्दर्शन मिलता रहेगा आपको  , बाकी अभ्यास से आ जाता है ! आपका धन्यवाद !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 4, 2015 at 10:49am

आदरणीय हरिप्रकाशजी बहुत सुंदर प्रवाहमय गीत है बहुत बहुत बधाई आपको इस रचना के लिये

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 4, 2015 at 12:01am
शुभ कामनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति, आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी , नव वर्ष बहुत बहुत शुभ हो , सादर।
Comment by Shishir Dwivedi on January 3, 2015 at 10:25pm
आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी आप को नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनायें
मैं कविता के बारे में ज्यादा नहीं जानता परंतु कुछ लिखना चाहता हूँ। क्रप्या मार्गदर्शन करें। भासागत त्रुटी के लिए छमा चाहता हूँ

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