For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो मेरा साथी मेरा सहारा मेरा दोस्त

मेरी खिड़की से दीखता है एक पेड़

उसका हाल भी मेरे जैसा ही है

ना जाने कब प्यार कर बैठे हम

जब भी खिड़की खोलती हूँ

उसे अपने इन्तजार में ही पाती हूँ

 

कोई तो है जिसे हर पल मेरा इन्तजार है

मेरा साथी मेरा सहारा मेरा दोस्त

एक अनजाना सा बंधन बंध गया है

हम दोनों के बीच में

हर पल मुझे ही निहारा करता है

 

जब भी उसके सामने से गुजरती हूँ

कहता है जल्दी आना

में तुम्हारा यही इन्तजार कर रहा हूँ

दिल खुश हो जाता है कोई तो है

जिसे मेरा इन्तजार रहता है

 

बहुत सुन्दर नही है धूल मिट्टी से सना है

मेरे दिल में उसने भावनाओं को बुना है

मुझे उससे बातें करना अच्छा लगता है

क्यूंकि मेरी हर बात में वो मेरे साथ है

वो मेरा साथी मेरा सहारा मेरा दोस्त

 

सरिता पन्थी  "मौलिक व अप्रकाशित "

Views: 735

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by sarita panthi on December 21, 2014 at 7:58pm

सभी मित्रों को सादर नमस्कार .... कार्यभार की अति व्यस्तता के चलते यहाँ आना नही हो पाया . आ. Er. Ganesh Jee "Bagi" जी, आ. ajay sharma जी , आ. rajesh kumari जी,  आ. डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव   जी, एवं  आदरणीय  योगराज प्रभाकर जी आप सभी का ह्रदय से आभार ...आशा है यूँ ही मार्गदर्शन करते रहेंगे | 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 10, 2014 at 10:52am

अच्छी अभिव्यक्ति है आ० सरिता पंथी जी। यदि रचनाओं को छंदबद्ध कर पाएं तो आनंद आ जाये।

Comment by Rahul Dangi Panchal on December 5, 2014 at 11:18am
वाह वाह!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 4, 2014 at 8:55pm

एक संवेदनशील हृदय की सुन्दर अभिव्यक्ति.बहुत- बहुत बधाई  सरिता जी. 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 3, 2014 at 12:43pm

अच्छी  अभिव्यक्ति   है i                                                                                                                                                                                             

Comment by ajay sharma on December 2, 2014 at 11:09pm

क्यूंकि मेरी हर बात में वो मेरे साथ है

वो मेरा साथी मेरा सहारा मेरा दोस्त.............sunder rachna 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 2, 2014 at 10:27pm

सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई।

Comment by sarita panthi on December 2, 2014 at 9:31pm

आ.Shyam Narain Verma जी , आ.Dr. Vijai Shanker जी , आ.somesh kumar  जी, आ. ram shiromani pathak जी आप सभी ने अपना समय दिया और मुझे उत्साह | आप सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हु |

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 1:06pm

सुन्दर भावों से पगी सुन्दर रचना बधाई आपको //

Comment by Hari Prakash Dubey on December 2, 2014 at 12:34pm

अत्यंत  सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति  पर  आपको हार्दिक बधाई ,आदरणीया सरिता पन्थी जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
19 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service