''आत्महत्या''
क्या है ये।
क्यों हो रही है ये,
क्यों भागते है वे,
जिन्दगी से,
कर्तव्यों से,
क्यों नहीं सामना करते
कठिनाईयों का,
समस्याओं का,
परिस्थितों का,
किस के दम पर
छोड जाते है वे
बूढे मॉं -बाप को,
अवोध बालको केा,
अपनी विवाहिता केा
जिसका संसार बदल दिये वे
एक चुटकी सिन्दूर से
क्या कसूर है इनका
यही , वे करते है
प्यार उनसे
चाहते है उन्हें।
क्या,वे नहीं जानते
कितने जीवन जुडे है उनसे
क्या होगा उनका
दर-दर की ठोकर
समाज के ताने
तन को भेदती निगाहें
कायर है वे जो
चुनौतीयो का
सामना नहीं करते
कलंकित करते है
मानव जीवन का
अपमान करते है
जीवन देने वाले का
यारों
नहीं है यह रास्ता गमो से,
कर्तव्यों से उलझनो से
मुक्ति पाने का
मानव हो तुम
अडिग बनो
संयोग से मिला है जीवन
कायरता से नहीं
बहादुरी से सामना करो
लडो अपनी चुनौतियों से
जीतों जंग अपने लिये
अपनो के लिेये
प्रयास करों
सफलता का,
यश,जश का
रक्षा करो उस
एक चुटकी सिन्दूर का,
उजाड चुके तुम बहुत ही
आशियाने' अखंड
अब आशियानों को
बचाने की चाह करो
उजड ना पाये किसी का
आशियाना यारो
अब तुम इसका प्रयास करो
बहुत हेा चुका बर्बादी का
यह खेल दोस्तों
अब आत्महत्या नहीं,
आत्ममंथन करो
आत्ममंथन करो
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Comment
सुन्दर रचना हुई है आदरणीय अखंड गहमरी जी…बहुत बहुत बधाई आपको। ..सादर
सार्थक सन्देश देती सुन्दर रचना के लिए बधाइयाँ...............
सुंदर संदेशपरक इस प्रस्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई आ0 अखंड गहमरी जी.... आ0 प्राची जी की टिप्पणी पर ध्यान दीजिएगा.....
आदरणीय अखंड गहमरी जी इस बेहतरीन रचना के लिये बधाई स्वीकार करें
आ0 गहमरी जी सुंदर संदेश युक्त रचना हेतु बधाई । आ0 प्राची जी कथन विचारणीय है ।
आदरणीय प्रयास हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें मैं स्वयं भी आदरणीय प्राची दीदी से सहमत हूँ उनकी बातों पर ध्यान दें.
मानव हो तुम अडिग बनो
संयोग से मिला है जीवन
कायरता से नहीं
बहादुरी से सामना करो
लडो अपनी चुनौतियों से
जीतों जंग अपने लिये
अपनो के लिेये प्रयास करों
सफलता का,यश,जश का
रक्षा करो उस एक चुटकी सिन्दूर का,
अब आत्महत्या नहीं, आत्ममंथन करो - बहुत खूब | सार्थक रचना हुई है | हार्दिक बधाई
आदरणीय अखंड गहमरी जी
सार्थक कथ्य को प्रस्तुत किया है..
सपाटबयानी के कारण ये प्रस्तुति मुझे अतुकांत के स्थान पर एक उद्घोषणा / भाषण के जैसी प्रतीत हुई.. अतुकांत प्रस्तुतियों में गद्यात्मकता से बचना ज़रूरी है. सतत सजग पाठन करते रहिये अतुकांत प्रस्तुति के लिए कई आवश्यक तत्व स्वतः ही अभिव्यक्ति में आते जायेंगे.
इस प्रयास पर हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर सन्देश देती हुई प्रस्तुति ,बधाई आपको
बहुत सुन्दर रचना | बधाई आप को
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