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इस सार्थक रचना हेतु बहुत बहुत बधाई आ0 अखंड गहमरी जी...
वक़्त के साथ बहुत कुछ बदलता जा रहा है. गंभीर बात सहजता से कह गए. बधाई.........
शुभ दीपावली.............
अच्छी रचना है! आपको हार्दिक बधाई!
कहन की गहनता की कमी इस तरह की रचना में गद्यात्मकता को प्रभावी कर देती हैं.
आदरणीय अखंड गहमरी जी सबसे पहले इस खूबसूरत रचना के लिये तो बधाई स्वीकार करें,
हिन्दी के लिये इस लिंक को देखिये शायद आपको सुविधाजनक लगे http://www.branah.com/hindi
सुंदर रचना आ0 गहमरी जी ।
आदरणीय सुन्दर व्यंग रचना के लिये बधाई !!!!
आदरणीय आप कौन सा साफ़्ट वेयर उपयोग कर रहे हैं ? हिन्दी लिखने के लिये , ये जान कर ही कुछ सलाह दिया जा सकता है !!!!!
मै हिन्दी आई. एम. ई . उपयोग करता हूँ !!!!
आदरणीये अखिलेश जी सर्व प्रथम आपको धन्यवाद मैं विनम्रता के साथ आप को अवगत कराना चाहता हॅू कि काफी सावधानियों के वावजूद कुछ गलतीया हमसे हुई जैसे बात यार।
मगर उ के जगह पर बडा उ अक्षरो के नीचे बिन्दी जैसे कपडो के नीचे बिन्दी सही दावरा ये शब्द हमसे नहीं लिखा पा रहे है इस कारण कुछ अशु्धी (जैसे ये शब्द गलत लिखा है) हो रही है यहा तक की आधा फ कष्ण में क के नीचे की मात्रा राष्ट में ट के नीचे की मात्रा इत्यादि भी नही लिखा पाता है अत: इसे सही करने का प्रयास जारी है सफलता मिलते ही यह दूर हो जायेगा यदि आपके पास कोई विधि हो तेा बताने का कष्ट करेंगें आपके सहयोग का आकांक्षी अखण्ड गहमरी
अखंड गहमरी जी कविता अच्छी है, बधाई। मात्रा और टंकण की त्रुटियां ज्यादा है, सुधार लीजिए।
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