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Dr.Prachi Singh's Blog – December 2018 Archive (1)

जश्न सा तुझको मनाऊँ (एक गीत )

गुनगुनी सी आहटों पर

खोल कर मन के झरोखे

रेशमी कुछ सिलवटों पर सो चुके सपने जगाऊँ..

इक सुबह ऐसी खिले जब जश्न सा तुझको मनाऊँ..

साँझ की दीवानगी से कुछ महकते पल चुराकर

गुनगुनाती इक सुबह की जेब में रख दूँ छिपाकर

थाम कर जाते पलों का हाथ लिख दूँ इक कहानी

उस कहानी में लिखूँ बस साथ तेरा सब मिटाकर

हर छुपे एहसास को…

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Added by Dr.Prachi Singh on December 25, 2018 at 11:12pm — 7 Comments

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