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October 2019 Blog Posts (63)

औरत : दर ब दर (लघुकथा )

विभाग की तरफ से सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद, जूनियर स्टॉफ सदस्यों को विश्लेषण का काम दिया गया। जो टीम इस काम में लगाई गई, उस में एक पुरुष और महिला को चुना गया। विश्लेषण कर रहे जूनियर स्टॉफ के मन में परिणाम देख कर कुछ सवाल पैदा हो गए थे। जिन के बारे वह वरिष्ठ सदस्यों से पूछना चाहते थे। दो दिन के बाद वरिष्ठ स्टॉफ सदस्यों के सामने जब सर्वेक्षण का परिणाम रखा गया। तब पहला सवाल जो उन्होंने पूछा कि "एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं में पुरुषों की तुलना महिला शिशुओं की संख्या अधिक कैसे हो गई और वह…

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Added by मोहन बेगोवाल on October 1, 2019 at 10:39am — 1 Comment

जान ले लेगा किसी रोज़ बहाना तेरा - सलीम 'रज़ा' रीवा

2122 1122 1122 22 

मेरी आँखों में हुआ जब से ठिकाना तेरा 

लोग कहते हैं सरे आम दिवाना तेरा



रोज़ मिलने की तसल्ली न दिया कर मुझको 

जान ले लेगा किसी रोज़ बहाना तेरा



छीन लेगा ये मेरा होश यकीनन इक दिन …

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Added by SALIM RAZA REWA on October 1, 2019 at 8:00am — 10 Comments

अहसास की ग़ज़ल

2×15

चंद मुकम्मल ग़ज़लों से हम दुनिया को बहला देंगे,

और अधूरे मिसरे तेरी यादों का पहरा देंगे.

जो कुछ तेरी इच्छा है वो ही तुझको दिखला देंगे,

हम खुद को धोखे में रखकर प्यार का मोल चुका देंगे.

ऐसे वो अपने चेहरे के सारे दाग छुपा देंगे,

कंप्यूटर से बनी हुई उम्दा तस्वीर दिखा देंगे.

जब तक तेरी आंखों से बरसेगी करुणा की धारा,

तब तक ये दुनिया वाले मेरे अहसास जला देंगे.

कीमत जिन फूलों की दाता के दर पर भी नहीं…

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Added by मनोज अहसास on October 1, 2019 at 12:24am — 4 Comments

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