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Pallav Pancholi's Blog – June 2010 Archive (5)

ज़रूरी तो नही

उसका मुझसे दूर जाके मेरे पास आना ज़रूरी तो नही

जो भुला हो मुझे उसे मेरा याद आना ज़रूरी तो नही



आ जाती हैं इस चेहर पे खामोशियाँ कभी कभी

हर वक़्त, बेवजह मेरा मुस्कुराना ज़रूरी तो नही



आकर गले मिलते हैं यूँ तो मुझसे कई हर रोज़

हर शख्स का दिल मे उतर जाना ज़रूरी तो नहीं



कभी पीने पड़ते हैं गम तो कभी मिलते है आँसू

हर रात मेय से भरा हो पैमाना ज़रूरी तो नही



कुछ को मिलते हैं पत्थर,कुछ खुद पत्थर हो जाते हैं

ताजमहल बनवाए यहाँ हर दीवाना… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 29, 2010 at 6:13pm — 2 Comments

दे दे

जिसमे शब्द नही, हो चेहरा तेरा ला मुझे वो किताब देदे

जो बहाएँ हें हर पल मेने, मेरे इन आंसूओं का हिसाब देदे



कोई पीता है आँसू यहाँ तो किसीने पिए हैं अपने सारे गम

मैं तो हर रात यह कहता हू ला साकी थोड़ी और शराब देदे



अब देगी या तब देगी यही सोच कर काट दी उमर अपनी मैने

जो पूछा था तुझसे मैने अब तो मेरे उस सवाल का जवाब देदे



नही पता तुझे काँटों का चुभना दर्द नही देता थोड़ा भी मुझे

ला मुझे तेरे बदन की खुश्बू वाला,तुझसा हसीन एक गुलाब देदे



कहती… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 24, 2010 at 1:31am — 2 Comments

मैं तुझ से मिलने आऊंगा

मैं तुझ से मिलने आऊंगा

मैं तुझ से मिलने आऊंगा

हर रात हौले से जब बंद करेगी तू अपनी आँखें

तेरे सपनो के द्वार इक दस्तक मैं दे जाऊँगा

मैं तुझ से मिलने आऊंगा

मैं तुझ से मिलने आऊंगा







लाख लगा ले तू पहरा अपने महलों की द्वारों पे

नज़र उठा के देख ज़रा लिखा है मैने नाम तेरा चाँद सितारों मे

जानता हूँ हर रोज़ जाती है तू फूलों के बागों मे

बालों मे लगाती है इक गजरा पिरोके उनको धागों मे

इक दिन बनके फूल तेरे गजरे का तुझ ही को महकाऊँगा

मैं… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 20, 2010 at 12:47am — 5 Comments

प्यार कैसे

अरसे से तेरी याद मे जिंदा हूँ,करूँ अब ओर इंतज़ार कैसे

हर कसम इश्क़ की तोड़ी है तूने,करूँ तेरे नये वादे पे ऐतबार कैसे



ये जो जख्म हैं सीने पे मेरे, इक नाज़ुक कली ने दिए हैं मुझे

काँटों के बीच खिले इस गुलाब से अब मैं करूँ प्यार कैसे



ना हो वो बदनाम मेरे नाम के साथ, ओढ़ ली इसलिए गुमनामी मैने

अब तुम ही बताओ लाउ उसका नाम ज़ुबान पर भरे बाजार कैसे



दियों की तरह अरसे से जला रखा हे दिल दुनिया उसकी रोशन करने को

आँखो मे आँसू लेकर अब ओर मनाउ दीवाली का यह… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 17, 2010 at 12:15am — 5 Comments

हो गया.......

yeh meri pahli gazal hai is site par..... saath he saath jeeven me pahli baar ghazal likhne ki koshish ki hai aap sabhi ke sujhav amantrit hain









हाय मेरी मोहब्बत मोहब्बत ना रही.... यह तो अब एक फसाना हो गया............

रात ही तो आया था वो ख्वाब मे.... पर लगता है उससे मिले एक ज़माना हो गया



मुझे दिलासे दे देकर मुझसे भी ज़्यादा रोए हैं मेरी आँखो के आँसू.........

लगता है मेरा रोना उसके मुस्कुराने का बहाना हो… Continue

Added by Pallav Pancholi on June 16, 2010 at 1:25am — 13 Comments

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