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Pallav Pancholi
  • Male
  • Udaipur, Rajasthan
  • India
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Udaipur
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करता है

मोहब्बत की कोई जब भी यहाँ पर बात करता है

न जाने क्यों मेरा दिल ये उसी को याद करता है



किसी मंदिर मे जाऊं या किसी मज़्ज़िद मे जाऊं मैं

मेरा दिल बस उसे पाने की ही फ़रियाद करता है



कभी रांझा बनाता है कभी मजनू बनाता है

जहाँ मे इश्क़ लोगों को योहीं बर्बाद करता है



शिकायत बस यही बाकी रही दिल मे मेरे यारों

मोहब्बत ही नही करता जहाँ बस बात करता है



कभी कहना नहीं मासूम जग को हाल दिल का भी

कोई मायूस करता है तो बस हमराज़ करता है… Continue

Posted on June 2, 2011 at 12:30am — 2 Comments

इक मासूम ग़ज़ल

हर दिन जमाना दिल को मेरे आजमाता है

 मिलता है जो भी, बात उसकी ही चलाता है

 

मालूम है मुझको की आईना है सच्चा पर

ये आजकल, सूरत उसी, की ही दिखाता है

 

पीना नहीं चाहा कभी मैने यहाँ फिर भी

मयखाने का साकी, ज़बरदस्ती पिलाता है

 

सच है खुदा तू ही मदारी है जहाँ का बस

हम सब कहाँ है नाचते, तू ही नचाता है

 

"मासूम" अब रोना नहीं दुनिया मे ज़्यादा तुम

इस आँख का पानी उठा सैलाब लाता है

Posted on May 25, 2011 at 12:00am — 3 Comments

ग़ज़ल

हर दिन जमाना दिल को मेरे आजमाता है,
मिलता है जो भी, बात उसकी ही चलाता है.

मालूम है मुझको की आईना है सच्चा पर,
ये आजकल, सूरत उसी, की ही दिखता है.

पीना नहीं चाहा कभी मैने यहाँ फिर भी,
मयखाने का साकी, ज़बरदस्ती पिलाता है.

सच है खुदा तू ही मदारी है जहाँ का बस,
हम सब कहाँ है नाचते, तू ही नचाता है.

"मासूम" अब रोना नहीं दुनिया मे ज़्यादा तुम,
इस आँख का पानी उठा सैलाब लाता है.

Posted on October 12, 2010 at 12:00am — 1 Comment

ग़ज़ल- पल्लव पंचोली "मासूम"

फिर उसकी महक ले हवाएँ आईं
शायद काम मेरे मेरी दुआएँ आईं

आँखों में फिर थोड़ी चमक है सबकी
जाने क्या संग अपने ले घटाएँ आई

कौन बचा है खुदा के इंसाफ़ से यहाँ
सब के हिस्से मे अपनी सजाएँ आईं

बीमार कहाँ मरते हैं मरज से यहाँ
काम मारने के अब तो दवाएँ आईं

जब लगा ख़तरे मे है कोई "मासूम"
दौड़ चली शहर की सब माएँ आईं ,

Posted on September 21, 2010 at 10:00pm — 2 Comments

Comment Wall (6 comments)

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At 12:03am on August 18, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 10:17am on August 18, 2010, Admin said…
ऒपन बुक्स आनलाइन परिवार आपके जन्मदिन के अवसर पर आपके स्वस्थ, दिर्घ और सफल जीवन की कामना करता है, जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई पल्लव पंचोली जी,
At 9:43am on August 18, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 1:18pm on July 5, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 4:34pm on June 15, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 9:09am on June 15, 2010, Admin said…

 
 
 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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