For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

satish mapatpuri
  • Male
  • patna, bihar
  • India
Share on Facebook MySpace

Satish mapatpuri's Friends

  • Hari Prakash Dubey
  • Aarti Sharma
  • Neelkamal Vaishnaw
  • Ranveer Pratap Singh
  • deepti sharma
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • कुमार गौरव अजीतेन्दु
  • SHARIF AHMED QADRI "HASRAT"
  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'
  • राज़ नवादवी
  • rajesh kumari
  • shashiprakash saini
  • Shashi Vivek
  • Arun Sri
  • Smrit Mishra

satish mapatpuri's Discussions

ज्योति पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
3 Replies

ढोल-मजीरा , नाल-पखावज, शहनाई-मृदंग  राग-रागिनी, गायन-वादन , नृत्य-ताल और छंद .गीत, ग़ज़ल ,कविता सी लगती , है सबको हर बार दिवाली   नई उमंगें - नई उम्मीदें, ले आती हर बार दिवाली.        ---- सतीश…Continue

Started this discussion. Last reply by tejwani girdhar Nov 16, 2012.

जॉय मुखर्जी को श्रद्धांजलि
3 Replies

शागिर्द , लव इन टोकियो , फिर वही दिल लाया हूँ ,जिद्दी , एक कली मुसकाई ,एक बार मुस्कुरा दो…Continue

Started this discussion. Last reply by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी Mar 11, 2012.

BIG BOSS
3 Replies

जरुरी नहीं कि हर विदेशी प्रोग्राम का हिंदी संस्करण हो. पोर्न स्टार के बल पर BIG BOSS की जरुरत नहीं है.मुझे याद है, जब अमिताभ बच्चन इस कार्यक्रम को HOST  कर रहे थे तो ऐसी कोई अश्लीलता नहीं…Continue

Started this discussion. Last reply by Afsos Ghazipuri Nov 27, 2011.

 

satish mapatpuri's Page

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for satish mapatpuri
"ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
May 18, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
patna, Bihar
Native Place
Patna
Profession
Deputy Director (administration & account) at BIHAR BOARD OF OPEN SCHOOLING & EXAMINATION
About me
My Self Is Satish Mapatpuri.I am Lyricist &Writer.Having 25 years Experience In this Field.

satish mapatpuri's Photos

  • Add Photos
  • View All

Satish mapatpuri's Blog

अगर पूर्वजों के सहारे न होते .

अगर रंग - बिरंगे ये नारे न होते.
तो फिर हम भी इतने बेचारे न होते .
बस बातों के मरहम से भर जाते शायद .
अगर ज़ख्म दिल के करारे न होते .
भला किसकी हिम्मत सितम ढा सके यूँ .
अगर हम जो आदत बिगाड़े न होते .
कहीं ना कहीं से तो शह मिल रहा है .
निर्भया के बसन यूँ उतारे न होते .
मिट जाती  कब की  ये रस्मोरिवाज़ें .
अगर पूर्वजों के सहारे  न होते .
  
मौलिक और अप्रकाशित
सतीश मापतपुरी

Posted on September 20, 2015 at 10:00pm — 3 Comments

गुरुवर तुम्हें नमन है ( शिक्षक दिवस पर विशेष )

 

जिसने बताया हमको , लिखना हमारा नाम .

जिसने सिखाया हमको , कविता ,ग़ज़ल -कलाम .

समझाया जिसने हमको , दीने -धरम ,ईमान .

जिसने कहा कि एक है ,कह लो रहीम - राम .

भगवान से भी पहले ,करता नमन उन्हीं को .

मानों तो हैं  खुदा वो , ना मानों तो हैं आम .…

Continue

Posted on September 5, 2012 at 3:46am — 18 Comments

गुनाहगार बनाया क्यों ?

 

ऐ मालिक ! बता दे तू , कि बहार बनाया क्यों ?

गर बहार बना था , तो उजाड़ बनाया क्यों ?

चमन में खिलती हैं कलियाँ , कली से नेह भौरों को .

पर भंवरे काँप उठे उस वक़्त , आखिर खार बनाया क्यों ?

जुदाई प्यार की मंजिल , तड़पना दिल को पड़ता है .

दिवाना कहती है दुनिया , तो फिर यह  प्यार बनाया क्यों ?

मिलन की चाह होती है , मिलन होता मुकद्दर से .

तो मिलकर क्यों बिछड़ते हैं , आखिर दीदार बनाया क्यों ?

अगर मापतपुरी जालिम  , तो उस पे कर करम मौला .

ख़ता…

Continue

Posted on August 31, 2012 at 2:15am — 4 Comments

कबीरा खड़ा बाजार में

 [ एक ]

कठपुतली भी हँस रही, देख मनुज का हाल.

सबसे बड़ा मदारी वो , लिखे जो सबका भाल.

कौन नचाता है किसे, क्या इसका परमान.

सबकी डोर पे पकड़ जिसे, कहते कृपानिधान.

 जिस उर में लालच बसे ,वहाँ कहाँ ईमान .

देय वस्तु पर नेह जिसे , सबसे बड़ा नादान.

जीवन गगरी माटी की , जिसका करम कोंहार .

सरग - नरक येही ठौर है , जिसका जस व्यवहार .

देने वाले ने दिया , एक सूर्य और सोम .

किन्तु मनुज ने बाँट ली , धरती नदियाँ व्योम .

कहत अभागा नियति का , नीयत नियत…

Continue

Posted on August 3, 2012 at 1:27am — 6 Comments

Comment Wall (24 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:17pm on May 18, 2023,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

At 11:42pm on May 18, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

At 1:57pm on May 18, 2013, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

जन्म दिवस की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाए 

At 11:02am on September 10, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

आदरणीया satish sir ji  सादर प्रणाम
ग़ज़ल को पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सहित सादर आभार

At 3:26am on May 19, 2012,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

राउर जनमदिन के हमरा ओरि से ढेरम्ढेर मुबारकबादी, भाईजी.. . 

दुका ना दुका में अतना अझुराइल रहुईं, ए भइया, जे कुबेरा भऽ गइल. ओबिओ पर हमार हेने लकम से ना आवल अतना बुझवा देले रहे जे हमार सतीश भाई पिपिताइल होइहें. भाई, पित्ता-पित्ती फरिका, पहिले दिल के कोरी आ भावना का ओरी से बड़हन बधाई.. . 

सादर

At 11:12pm on May 18, 2012, CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' said…
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सर जी
At 11:52am on May 18, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 7:07pm on April 12, 2012, Sarita Sinha said…

satish ji namaskar, 

kavita ki sarahna ke liye aap ka dhanyvad.....

At 8:58pm on January 2, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

मै आपका बहुत ही आभारी हूँ की आपने मेरी कविता की सराहना करके मेरा उत्साह वर्धन किया

At 9:30am on August 2, 2011, Abhinav Arun said…

माह की श्रेष्ठ रचना चयन पर हार्दिक बधाई स्वीकारें सतीश जी !

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service