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Bishwajit yadav
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Bishwajit yadav's Blog

याद आते है वो लम्हे....

याद आते है वो लम्हे तो आँखो से आँसू छलक जाते है,

वो किताबो वाले दिन बडी मुश्किल से मिलते है,

हम तो यादो मे जलते है पर वो कहीं और रहते है,

याद आते है वो लम्हे तो आँखो से आँसू छलक जाते है,



वो घंटो बाते…

Continue

Posted on July 28, 2011 at 1:00pm — 1 Comment

क्या इसी को मुहब्बत कहते है

क्या इसी को मुहब्बत कहते हैं

जब हम बैचेन से रहते हैं

अक्सर कुछ कहने की चाह मे

सपनों मे खोये रहते हैं

क्या इसी को मुहब्बत कहते हैं

 

उनकी एक झलक पाने के लिए

हम हर दिन राहों मे इंतजार करते हैं

न जाने क्यों हम कुछ कहने से डरते हैं

क्या इसी को मुहब्बत कहते हैं

 

अक्सर वो सपनों में आती है

आँखें खोलूँ तो न जाने कहाँ चली जाती है

सिर्फ इन आँखों को उसकी ही सूरत भाती है

क्या इसी…

Continue

Posted on July 26, 2011 at 10:30am — 6 Comments

Comment Wall (8 comments)

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At 11:57pm on July 25, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…
स्वागत है विश्व जीत जी ..ढेर सारी शुभ कामनाएं अपने नाम को चरितार्थ करें 
भ्रमर ५ 
At 9:41pm on June 13, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

विश्वजीत जी नमस्कार ! आपकी दाद के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !

At 10:40pm on May 29, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

विश्वजीत जी बहुत बहुत शुक्रिया ! आपको ग़ज़ल पसंद आई और आपकी तारीफ मिली । अच्छा लगा।

डॉ. सूर्या बाली "सूरज"

At 10:15am on August 4, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 6:27pm on July 27, 2011, Sanjay Rajendraprasad Yadav said…
प्रिय विश्वजीत आप का ओ.बी.ओ पर हार्दिक स्वागत ******** 
At 6:27pm on July 27, 2011, Sanjay Rajendraprasad Yadav said…
प्रिय विश्वजीत आप का ओ.बी.ओ पर हार्दिक स्वागत ******** 
At 1:51pm on July 24, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 11:35am on July 23, 2011, Admin said…

 
 
 

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