For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Anwesha Anjushree
  • Female
  • Noida
  • India
Share on Facebook MySpace

Anwesha Anjushree's Friends

  • Tushar Raj Rastogi
  • vijay nikore
  • SUMAN MISHRA
  • राजेश 'मृदु'
  • Dr.Ajay Khare
  • अरुन 'अनन्त'
  • JAWAHAR LAL SINGH
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
  • rajesh kumari
  • Subhash Trehan
  • devendra upadhyay
  • Smrit Mishra
  • Yogyata Mishra
  • अमि तेष
  • Lata R.Ojha

Anwesha Anjushree's Groups

 

Anwesha Anjushree's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
Noida
Native Place
Ranchi
Profession
Computer Teacher
About me
Love to write , photography

Anwesha Anjushree's Photos

  • Add Photos
  • View All

Anwesha Anjushree's Blog

किसकी सदा ?

आईने में एक प्रतिबिम्ब

खड़ा है मौन !

आँखों के पीछे से

आवाज आई - कौन ?

है कौन यह अपरिचित?

क्या है यह अपना मीत ?

यह कैसी है संवेदना?

यह किसकी है सदा ?…

Continue

Posted on February 3, 2013 at 7:00pm — 11 Comments

मंजुल धरा ...

हल्की- सी पवन क्या चली..

पीपल के बातुनी पत्तों की बातें ही चल पड़ी !

नीम के पत्ते थोड़े से अनुशासन में रहकर हिले ,

और सखुए के पत्तों ने..

पवन के पुकार की कर दी अनसुनी !

चिड़ियों की शुरू हुई चहल पहल..

सबसे छोटी चिड़िया ने की पहल ,

काम कम पर शोर ज्यादा ,

सारे भुवन में उसने मचाई हलचल !

तिमिर ने अपना आँचल समेटा ,

रवि ने ली जम्हाई,

तारे भी थके से थे,

उन्होंने अपनी बाती बुझाई !

शशि को तो मही से है प्रेम ..

वह तो है अलबेला…

Continue

Posted on February 3, 2013 at 7:00pm — 10 Comments

नया विश्व ..

शिक्षित बनो ,

शिक्षा का विस्तार करो !

परतंत्रता के  जंजीरों से मुक्त हो ,

नए विचारों का स्वागत करो !

 

सृष्टि का मूल हो तुम ,

अपना महत्व समझो ,जानो !

मूक बन अब न सहो 

उठो, बोलो 

विश्व को अपने विचारों से अवगत करो !

 

इस विश्व के…

Continue

Posted on January 13, 2013 at 9:38pm — 10 Comments

इस आसमान पर अधिकार तुम्हारा भी है...

ईश की अनुपम कृति मानव

और उसकी जननी तुम

फिर क्यों हो प्रताड़ित , अपमानित

पराधीन, मूक , गुमसुम ?

खुश होना तो कोई पाप नहीं

मुस्कुराने की इच्छा स्वार्थ नहीं!

नए विचारों की उड़ान भरो

शिक्षा का स्वागत करो !

जीवन न जाय व्यर्थ यूँ ही...

सदियों के बंधन से मुक्ति चाहिए ?

विद्रोह तो होगा, न घबराओ

निर्भय बनो, मानसिक सबलता लाओ !

रात बहुत गहरी हो चुकी

भोर का संदेसा दे चुकी !

मुस्कुराओ, पंख फैलाओ

उड़ने को तैयार हो जाओ

क्योंकि

इस आसमान पर…

Continue

Posted on January 7, 2013 at 6:00pm — 5 Comments

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:14pm on September 10, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 10:55am on December 10, 2011, devendra upadhyay said…

 

मैं समझता हूँ की आरक्षण हर क्षेत्र में होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को इसे बढ़ाने में समर्थन देता हूँ। आरक्षण की शुरुआत हमारी क्रिकेट टीम से होनी चाहिये।


उसमे 10% आरक्षण मुस्लिम के लिए होना चाहिए। 30% ओबीसी/एससी/एसटी और अन्य
के लिए। क्रिकेट के नियम भी आरक्षण के हिसाब से बदलने चाहिये।



बाउंड्री ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम के लिए छोटी करनी चाहिए। किसी
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा मारे गए चौके को छक्का और छक्के
को आठ रन मानने चाहिए। किसी ओबीसी/एससी/एसटी और मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा
बनाए गए 60 रनों को शतक मान लेना चाहिए। हमें आईसीसी से बात करके उन्हे
मनाना चाहिए और ऐसे नियम बनवाने चाहिए जिससे शोइब अख्तर और ब्रेट ली जैसे
तेज़ गेंदबाज किसी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को तेज़ गेंद नहीं
फेकेंगे। कोई भी गेंदबाज ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को अधिकतम 80
किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से गेंद फेकेगा। इस रफ्तार से अधिक रफ्तार की
गेंदों को नो-बॉल मान लिया जाएगा।


हमें ओलंपिक मे भी आरक्षण देना
चाहिये। 100 मीटर की रेस में किसी भी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी
को 80 मीटर में स्वर्ण पदक दिया जाना चाहिए।


सरकारी नौकरी में भी
आरक्षण होना चाहिए। सबसे पहले नेताओं और मंत्रियों के विमानों के लिए
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम पायलट की भर्ती करनी चाहिए (इससे देश का भला
होगा)। ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की नेताओं और मंत्रियों के ऑपरेशन
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम डॉक्टर ही करेंगे (देश को बचाने का एक और
तरीका)।


देश को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में थोड़ा अलग सोचो। दिखा दो दुनिया को की भारत एक महान देश है। भारतीय होने पर गर्व करो।

--- * विप्रो के चेयरमैन "अज़ीम प्रेमजी" का आरक्षण पर तर्क *

॥ अरे, भ्रष्ट नेताओं हमें जातियों में मत बांटो , हमारी एक ही जाति है ""भारतीय"" ॥

जय हिन्द, जय भारत !!
वंदे मातरम !! — at भारत .

At 8:20pm on September 15, 2011, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
10 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

दोहा सप्तक. . . . . नजरनजरें मंडी हो गईं, नजर बनी बाजार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"कौन है कसौटी पर? (लघुकथा): विकासशील देश का लोकतंत्र अपने संविधान को छाती से लगाये देश के कौने-कौने…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत आदरणीय दयाराम मेठानी साहिब।  आज की महत्वपूर्ण विषय पर गोष्ठी का…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ.भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"विषय - आत्म सम्मान शीर्षक - गहरी चोट नीरज एक 14 वर्षीय बालक था। वह शहर के विख्यात वकील धर्म नारायण…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service