मुझे फकत एक शाम चाहिए
बस अपने ही नाम चाहिए
उस तरु की छाया में बैठे
मन में एक विराम चाहिए
कितने अवसादों से घिरकर
थके थके क़दमों से चलकर
कितनी जिम्मेदारी है सर पर
थोडा सा आराम…
Posted on January 23, 2013 at 7:30pm — 6 Comments
मैंने कुछ पंख जोड़ रखे हैं
कुछ रंगीन कुछ बदरंगे हैं
ज़रा हलके से हैं ये थोडे से
फूलों के संग ही मोड़ रखे हैं
मेरे पंखों में खुशबू फूलों की
उड़ेंगे संग में सुरभि की तरह
मन की उड़ान से अब क्या होगा
सच में उड़ना है बोल सच्चे हैं
कोई कहता है ज्ञान सागर है
मगर चिंतन में डुबकियां ही नहीं
कोई उड़ता है हवा बाजों सा
कहीं बैसाखियों…
Posted on January 5, 2013 at 11:30pm — 2 Comments
तुम लड़की जात हो , तुम्हें अपने दायरे में रहना चाहिए, तुम अनवर की तरह नहीं हो वो तो लड़का है , उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा , लेकिन तुम्हारे साथ अगर कुछ उंच नीच हो गया तो हम सबका जीना मुहाल हो जाएगा,,,,ये सीख हमेशा गाँठ बाँध कर रखना.
रोज ही हिदायतों का पुलिंदा शबनम को बाँध कर थमाया जाता था, अब्बू तो दुबई चले गए दो साल पहले , बचे दादी, अम्मी और छोटा भाई अनवर. इस अनवर में छोटे…
ContinuePosted on January 3, 2013 at 2:30pm — 3 Comments
कहने को तो चाँद तारे,
आसमा की चादरों से
जड़ के सलमा और सितारे
हम को ये भरमा के हारे
"हैं तो ये पाषाण ही ना "
नदियों का तट चाँद मद्धिम
सूर्य की आभा हुयी कम ,
सतह जल की तल निहारे
चांदनी की परत डारे
"तल में बस पाषाण ही ना"
ह्रदय कोमल, मन सु-कोमल
त्वरित धडका, दौड़ता सा
पागलों की भाँती चाहा
फिर भी उसका मन न…
Posted on December 21, 2012 at 2:00am — 3 Comments
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Comment Wall (6 comments)
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हार्दिक बधाई स्वीकार करें
लेखे में फिर दो चार करें
रचना सुन्दर नित लिखती रहें
जीवन में नव संचार करें
"महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) चुने जाने पर आदरणीया सुमन जी आपको हार्दिक रूप से बधाई !! आपकी असक्रियता अनुकरणीय है और इससे ओ बी ओ का यह साहित्यिक मंच और भी उन्नत एवं समृद्ध हो रहा है !!
बहुत बहुत बधाई......
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीया सुमन मिश्रा जी
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे | कृपया अपना पता और नाम (जिस नाम से ड्राफ्ट/चेक निर्गत होगा), बैंक खता विवरणी एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका प्यार इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
स्वागत है सुमन जी
Suman ji, thanks for inviting me to be your friend. I became a member of OBO only a few days ago, read your poems, and I like them.
Vijay Nikore