For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-42 (विषय: "उम्मीद")

आदरणीय साथिओ,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-42 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है, प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-42
विषय: "उम्मीद" 
अवधि : 29-09-2018  से 30-09-2018 
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक हिंदी लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.    
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 9691

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

प्रदत्त विषय पर प्रस्तुत इस सकारात्मक लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीया बबिता जी. आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी की बात से मैं भी सहमत हूँ. और शीर्षक क्यों गायब है? सादर.

आदरणीया बबिता गुप्ता जी, दिए हुए विषय को सार्थक करती बहुत ही बढ़िया सन्देशपरक लघुकथा की प्रस्तुति के लिए हार्डडिस्क बधाई।

बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में बेटे से कम नहीं।यह तो हमारी सोच ने यह भेदभाव उत्पन्न कर दिया वरना हर कदम पर लड़कियों ने अपने को सिद्ध किया है।सार्थक लघुकथा के लिए आदरणीय बबीता गुप्ता जी को बधाई।

आदरणीया बबीता गुप्ता जी आदाब,

                             बहुत ही सशक्त लघुकथा । अच्छा कथानक । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,प्रदत्त विषय को सार्थक करती अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

“ठोकर “
“तो तुम आज शाम को मुजरा नहीं कर रही हो ?”पन्ना बाई ने चम्पा से पूछा ।
“हाँ पन्ना बाई तबीयत कुछ नासाज़ सी है ।” चम्पा बोली ।
“चम्पा तुम पर हमारा स्नेह है ,इसलिए बता रहे है ,हम कोठे वाली किसी एक की होकर नहीं रह सकती ।हम देख रहे है ,इन दिनो तुम्हारा झुकाव छोटे ठाकुर पर हो गया है ।”पन्ना बाई बोली ।
तभी कोठे का नौकर थैले में कुछ सामान लेकर आया ,पन्ना बाई ने उसके हाथ से थैला लेकर पूछा “क्या लाया है ?ज़रा मैं भी तो देखूँ ।”
“चम्पा बाई जी ने मँगवाया था ।” नौकर बोला ।
नौकर को जाने का बोल ,थैले में पूजा का सामान व करवा देख पन्ना बाई बोली “ ये तो करवा चौथ की पूजा का सामान दिखे है ।”
“हाँ वो आज मेरा व्रत है ।”चम्पा नीची नज़र कर बोली ।
“वैसे चम्पा आज छोटे ठाकुर की पत्नी का भी पहला करवा चौथ होगा ,और वैसे भी हम कोठे वालियों का काहे का व्रत ।”पन्ना बाई बोली ।
“छोटे ठाकुर ने आज आने का वादा किया है ।”चम्पा बोली ।
“यहाँ तो हमने वादे टूटते हुए ही देखें है ,काश तुम्हारी उम्मीद न टूटे ।”पन्ना बाई बोली ।
रात में चाँद निकलने पर चम्पा ने चाँद को अर्घ्य दे पूजा की ,और फिर छोटे ठाकुर का इंतज़ार करने लगी ।
कुछ समय बाद नौकर एक पत्र दे गया ,चम्पा ने झट से खोल उसे पढ़ा ,लिखा था -
“चम्पा आज हम नहीं आ पाएँगे ,तुम व्रत खोल लेना । “
छोटे ठाकुर
टूटी हुई उम्मीद का एक आँसू काग़ज़ पर गिर कर शब्दों को धुँधला कर गया था ।
मौलिक व अप्रकाशित

सम्मानीय लेखिका महोदय, कम शब्दों में बहुत कुछ कह देती है लघुकथा। समाज में गुम होती बच्चियां और मानव तस्करी न रूकने के कारण कई महिलाएं ये ठोकर सहने को विवश हैं। मानवीय संवेदनाओं के धरातल पर अरमानों को रौंदती आपकी लघुकथा बहुत कुछ सोचने पर विवश करती है और ये इशारा करती है कि तमाम सामाजिक संगठनों और सरकारी योजनाओं के चलने के बाद भी महिलाओं को इस दलदल से निकाला नहीं जा सका है। तो क्या करना चाहिए ?

हमारी व्यक्तिगत राय है और हमने कई पत्रकारों से भी विनम्रतापूर्वक निवेदन किया है कि वह भी क्षमायाचना के साथ कि हम जाति के जरिये अपने लेख, समाचार, रचनाएं न लिखें। कई बार ऐसा देखा गया है कि हम किसी एक जाति विशेष का उल्लेख करके समूची समुदाय को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। आप बड़े हैं अनुभवी हैं सम्मानीय है हमारा आशय समझ गए होंगे। लघुकथा के लिए बधाई

सुन्दर  रचना।  बधाई

बहुत -बहुत धन्यवाद आदरणीय इक़बाल जी ,आभार ,सादर 

बहुत -बहुत धन्यवाद आदरणीय इक़बाल जी ,आभार ,सादर 

रचना पर संक्षिप्त  वह भी बग़ैर लेखिका का नाम लिए  यह ओबीओ की परिपाटी नहीं है आदरणीय मुज़फ्फ़र इक़बाल जी ।

बहुत -बहुत धन्यवाद आदरणीय आशीष जी ,आभार ,सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
4 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अपना ख़्याल रखिये सर मुशायरे तो होते रहेंगे सादर"
6 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय 'सुरेन्द्र इंसान' जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। 2122 1212…"
12 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय इंसान जी बधाई स्वीकारें मेरे ज़हन में कुछ यूँ आया आपके भी अच्छे हैं…"
17 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय चेतन जी गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
28 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें आदरणीय नीलेश जी बूढ़ी लगने लगी है अब वर्ना..... बेहतरीन…"
30 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अजय जी अच्छी ग़ज़ल हुई मेरे ज़हन में कुछ ऐसे आया आपका भी अच्छा हुआ है 10…"
46 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें ग़ज़ल के लिए आदरणीय अमीर जी गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
49 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय रिया जी अच्छी ग़ज़ल हुई बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से मतला व अन्य एक दो शेर…"
50 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय संजय सर बधाई स्वीकार करें मतला पर आदरणीय नीलेश जी से सहमत बाक़ी गुणीजनों की…"
55 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय मनोज जी बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से सुधार के बाद ग़ज़ल और निखर…"
59 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आ. भाई अमित जी, मतले का सानी आपके दिशा-निर्देश पर बदला है,  दास्ता प्यार फ़लसफ़ा भी थी  और…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service