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Barkha Shukla
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Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"धन्यवाद आदरणीय मधु जी , आभार , सादर "
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय उस्मानी जी ,मैंने लालच बुरी बला शीर्षक दिया था , ध्यान दिलाने के लिए आभार , सादर "
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"धन्यवाद आदरणीय तेज जी , आभार , सादर "
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"सुंदर रचना आदरणीय अर्चना जी , बधाई आपको इस रचना के लिए , सादर "
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय सर ,आपके सलाह अनुसार सुधार की कोशिश करूँगी , आगे भी आपका मार्गदर्शन मिलता रहे , आभार , सादर"
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"मिश्रा जी छत पर सूर्य को जल अर्पित करने गए तो रोज की तरह पड़ोस से लड़ाई के स्वर सुन उनका मन खिन्न हो गया । न चाहते हुए भी उनके कान में आवाजें पड़ने लगी ।"तेरे पिताजी ने दहेज के बाकी के बचे पैसे अभी तक नही भेजे।" मिश्रा जी ये आवाज पहचानते…"
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-64 (विषय: प्रयास)
"बहुत बढ़िया रचना , बधाई आपको"
Jul 31, 2020
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-53 (विषय अधिकार)
"सच्चाई  “क्यों कहाँ है तुम्हारा लाड़ला बेटा ?घर नहीं आया ,दुकान से तो कब का निकल गया । “मनोहर ने घर आकर पत्नी सुषमा से पूछा । “अरे रुक गया होगा दोस्तों के पास ,दिन भर इतनी मेहनत करता है ,थोड़ा घूमना तो बनता है । “सुषमा…"
Aug 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय प्रतिभा जी ,सादर"
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत बढ़िया लघुकथा आदरणीय रचना जी , बधाई आपको ,सादर"
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत सुंदर लघुकथा आदरणीय अंजली जी , बधाई आपको ,सादर"
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय रचना जी ,सादर "
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत -बहुत धन्यवाद आदरणीय विनय सर ,सादर "
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय अंजली जी ,पहले मैंने भी यही सोचा था ,आपकी सलाह पर ध्यान दूँगी ,धन्यवाद ,सादर "
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत बढ़िया रचना आदरणीय उस्मानी जी ,बधाई आपको ,सादर "
Jul 31, 2019
Barkha Shukla replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-52 (विषय: अस्तित्व)
"बहुत सुंदर रचना आदरणीय प्रतिभा जी ,बधाई आपको ,सादर "
Jul 31, 2019

Profile Information

Gender
Female
City State
Indore (M.P.)
Native Place
Harda (M.P.)
Profession
House Wife
About me
Malti joshi ji ,shivani ji ki kahaniya padhna pasand hai

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लघुकथा

गुरु की जीत



आज फिर मोहन सर ने क्लास में अनुराग से प्रश्न पूछा था ,उसके जवाब न देने पर वो उसे डाँटने लगे थे ।अनुराग ने डरते हुए कहा ,"सर अभी ये सवाल आपने करवाया नहीं है । "सर ने कहा "चुप चाप खड़े रहो बहस मत करो ।"अनुराग ने अपनी बड़ी २ आँखो से ऐसे देखा ,जैसे पूछ रहा हो आप हमेशा बिना किसी ग़लती के मुझे क्यों डाँटते रहते है । मोहन सर जब इस स्कूल में नये आए थे तो अनुराग की आँखे उन्हें किसी की याद दिला रही थी । उन्होंने उस से उसके पापा का नाम पूछा था । उनका अंदाज़ा सही था वो उनके कॉलेज के… Continue

Posted on July 9, 2017 at 9:09am — 12 Comments

लघु कथा

लघु कथा

खिलते गुलाब



आज बैंक की छुट्टी होने से रोहित घर पर ही था । पड़ोसी वर्मा जी के घर चहल पहल देख कर उसने माँ से पूछा , उन्होंने बताया आज उनकी बेटी का रिश्ता पक्का करने कुछ लोग आ रहे है । ये सुनते ही वो उदास हो गया ,जूही और वो एक दूसरे को शुरू से पसंद करते थे ।

अब जब उसकी नौकरी लग गयी थी तो उसने सोचा था ,माँ को अपनी पसंद बता देगा । जूही भी अपनी माँ को कुछ बता नहीं पायी थी ।वो दिनभर अनमना ही रहा ।

चार बजे तक पड़ोस से आवाज़ें आती रही । फिर सब शांत हो गया । थोड़ी देर… Continue

Posted on June 21, 2017 at 1:13pm — 3 Comments

 
 
 

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Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

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