For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिन्दगी थोड़ा ठहर जाओ
जरा धीरे चलो
तेज इस रफ्तार से 
घात से प्रतिघात से 
वक्त रहते , सम्भल जाओ
जरा धीरे चलो
जिन्दगी - - - -
कामना के ज्वार में
मान के अधिभार में
डूबने से बच , उबर जाओ
जरा धीरे चलो
जिन्दगी - - - -
शब्दाडम्बरों के
उत्तरों प्रत्युत्तरों के
जाल से बच कर , निकल जाओ 
जरा धीरे चलो
जिन्दगी - - - -

(मौलिक एवम अप्रकाशित)

Views: 752

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Usha Awasthi on June 15, 2018 at 10:10pm

आभार रक्षिता जी।

Comment by रक्षिता सिंह on June 15, 2018 at 2:56pm

आदरणीया ऊषा जी, नमस्कार
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ....हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Usha Awasthi on June 13, 2018 at 9:09pm

आभार महेन्द्र जी।

Comment by Mahendra Kumar on June 13, 2018 at 7:55pm

//तेज इस रफ्तार से 
घात से प्रतिघात से 
वक्त रहते , सम्भल जाओ
जरा धीरे चलो//

इस बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीया उषा अवस्थी जी. सादर. 

Comment by Usha Awasthi on June 13, 2018 at 5:00pm

धन्यवाद नीलम जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 13, 2018 at 4:50pm

आदरणीया उषा अवस्थी जी, नमस्कार । सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 13, 2018 at 3:23pm

सुंदर भाव पूर्ण सृजन 

Comment by Usha Awasthi on June 13, 2018 at 2:27pm

धन्यवाद आपका बसंत कुमार जी।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 13, 2018 at 1:34pm

सुंदर भाव पूर्ण सृजन 

Comment by Usha Awasthi on June 13, 2018 at 12:04pm

 आभार आपका श्याम नारायण जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service