For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिसको जो मिलता नहीं, वही लगे बस खास।
वह सब लगता तुच्छ सा, जो है जिसके पास।।
कभी संतुष्टि न होती।

जीवनभर होता नहीं, इच्छाओं का अंत।
जो इनको वश में करे, उसे मानिए संत।।
सुखी रहता संतोषी।
(मौलिक व अप्रकाशित)
**हरिओम श्रीवास्तव**

Views: 652

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 1, 2017 at 12:11pm
बहुत ही उत्तम संदेशप्रद दोहे..सादर
Comment by narendrasinh chauhan on June 30, 2017 at 8:23am

खूबसूरत  रचना 

Comment by Hariom Shrivastava on June 29, 2017 at 11:24pm
आदरणीय Mohammed Arif जी, आपकी सराहनीय प्रतिक्रिया से प्रयास सार्थक हुआ। हार्दिक आभार।
Comment by Hariom Shrivastava on June 29, 2017 at 11:22pm
आदरणीय Sushil Sarna जी, आपकी सराहना से प्रयास सार्थक हुआ। तहेदिल से शुक्रिया।
Comment by Hariom Shrivastava on June 29, 2017 at 11:21pm
आदरणीय Samar Kabeer जी, सराहना हेतु हार्दिक आभार।
Comment by Hariom Shrivastava on June 29, 2017 at 11:20pm
हौसलाअफजाई हेतु हार्दिक आभार आदरणीय Shyam Narain Verma जी.
Comment by Shyam Narain Verma on June 29, 2017 at 11:48am
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति , बधाई आप को | सादर 
Comment by Samar kabeer on June 28, 2017 at 2:59pm
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,उम्दा दोहे लिखे,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on June 28, 2017 at 1:55pm

वाह आदरणीय हरिओम जी वाह  ...  इन सुंदर एवं संदेशात्मक दुमदार दोहों के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by Mohammed Arif on June 28, 2017 at 12:03pm
आदरणीय हरिओम जी आदाब, बेहतरीन सीख देने वाले दुमदार दोहे ।हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service