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वाह आदरणीया राहिला जी बहुत सुंदर ढोर के माध्यम से समाज के अंधविश्वास पर तीक्ष्ण कटाक्ष करती इस प्रेरक लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई कबूल फरमाएं।
वाह क्या भेड़ चाल को रोपित किया है ,बहुत बहुत बधाई आदरणीय।
हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला जी!बेहतरीन प्रस्तुति!
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