For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

है देशों में वो देश महान,अपना प्यारा हिंदुस्तान (देशभक्ति गीत)

छोड़ शहर की रौनक,जिसके
गाँव में बसते प्राण।
जिसकी पावन धरती ने है
जने वीर संतान।
जिसकी गौरव-गाथा का
करे विश्व गुणगान।

है देशों में वो देश महान।
अपना प्यारा हिन्दुस्तान।।

सूरत से भी ज़्यादा उनकी
होती सीरत प्यारी।
हृदय में जिनके बहती है
करुणा जग की सारी।
वक़्त पड़े तो रणभूमि में
जौहर दिखलाती नारी।

अत्याचार को देख के जिनके
दिल में उठता है तूफ़ान।।

राजतंत्र को मिटा जिन्होंने
गणतंत्र हमें बनाया।
जान गँवा के अपनी, हमको
राष्ट्रप्रेम सिखलाया।
उनको नमन करें,जिन्होंने
मुक्ति-मार्ग दिखलाया।

देश की खातिर,लिए मिटे जो
अधरों पर मीठी मुस्कान।।

लें संकल्प,बलिदान उनका
व्यर्थ नहीं जाएगा।
चीर के रख देंगे सीना,जो
दुश्मन आँख उठाएगा।
यही तिरंगा झंडा अपना
सदियों तक लहरायेगा।

लाज रखेंगे मातृभूमि की
भले जाएँ तो जाएँ प्राण।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 654

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on December 16, 2015 at 1:31pm

 देशभक्ति के लिए ऐसी अच्छी भावनाएँ.... इस अच्छी रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय जयनित जी।

Comment by जयनित कुमार मेहता on December 14, 2015 at 1:37pm
रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत आभार,आ.सुशील जी।।
Comment by जयनित कुमार मेहता on December 14, 2015 at 1:28pm
रचना पर आप गुणीजनों की उत्साहवर्धक टिप्पणी पाकर आश्वस्त हुआ आ.समर कबीर जी एवं आ.लक्ष्मण धामी जी। हार्दिक धन्यवाद क़ुबूल करें।।
Comment by Sushil Sarna on December 14, 2015 at 1:28pm

देशभक्ति से ओत-प्रोत इस गीत की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 14, 2015 at 11:54am

बहुत ही सुन्दर गीत हार्दिक बधाई l

Comment by Samar kabeer on December 14, 2015 at 10:43am
बहुत शानदार गीत है,बधाई हो |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . रोटी

दोहा पंचक. . . रोटीसूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । क्षुधित उदर के सामने , फीके सब जज्बात ।।मुफलिस…See More
1 hour ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा पंचक - राम नाम
"वाह  आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत ही सुन्दर और सार्थक दोहों का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
दिनेश कुमार posted a blog post

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार ( गीत )

प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा पंचक - राम नाम

तनमन कुन्दन कर रही, राम नाम की आँच।बिना राम  के  नाम  के,  कुन्दन-हीरा  काँच।१।*तपते दुख की  धूप …See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service