For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(1)

मत अपना कर्तव्य है , मत अपना अधिकार
एक - एक मत से बनें , मनचाही सरकार
मनचाही सरकार , चुनें प्रत्याशी मन का
मन जिसका निष्पाप, चहेता हो जन-जन का
क्षणिक लाभ का लोभ, मिटा देता हर सपना
हो कर हम निर्भीक , हमेशा दें मत अपना ||

(2)

झूठे निर्लज लालची , भ्रष्ट और मक्कार
क्या दे सकते हैं कभी, एक भली सरकार
एक भली सरकार, चाहिए - उत्तम चुनिए
हो कितना भी शोर,बात मन की ही सुनिए
मन के निर्णय अरुण , हमेशा रहें अनूठे
देते मन को ठेस, लालची निर्लज झूठे ||

(3)

लोकतंत्र का पर्व यह, है हम सबकी शान
बिना किसी से भी डरे , करें सभी मतदान
करें सभी मतदान , देश को दें मजबूती
दुनियाँ भर में अरुण, बजे अपनी ही तूती
मिलजुल करिये जाप,हमेशा कर्म-मन्त्र का
है हम सबकी शान, पर्व यह लोकतंत्र का ||

(मौलिक तथा अप्रकाशित)

Views: 823

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 2, 2014 at 9:03am

बहुत खूबसूरत सार्थक मतदान की ताकत व महत्त्व के बखान के साथ साथ मतदान करने को प्रेरित करते सुन्दर छंद 

इस सार्थक सृजन पर हार्दिक बधाई 

सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 2, 2014 at 2:32am

है हम सबकी शान, पर्व यह लोकतंत्र का .. . वाह वाह !

इस सार्थक छन्द के लिए हृदय से बधाई. तीनों कुण्डलिया अपने उद्येश्य में अत्यंत सफल हैं.

सादर 

Comment by vijay nikore on April 28, 2014 at 11:42am

सुन्दर रचना, सुन्दर संदेश.... आपको बधाई।

Comment by Sarita Bhatia on April 28, 2014 at 9:13am

संदेशात्मक कुण्डलिया गुरुदेव ,बहुत बधाई 

राजेश दी की बात पर गौर कीजियेगा 

Comment by Satyanarayan Singh on April 26, 2014 at 9:28pm

आ. निगम जी सादर सन्देश परक सामायिक सुन्दर कुंडलिया छंदों के प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय.

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on April 25, 2014 at 12:50pm

आदरणीय अरुण भाई

मतदाता को सचेत करती , सही  सलाह देती , चुनावी माहौल में सुंदर छंद की  हार्दिक बधाई 

Comment by कल्पना रामानी on April 24, 2014 at 11:18pm

अत्यंत सुंदर और संदेश देते हुए छंदों ने मन मुग्ध कर दिया। हार्दिक बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 24, 2014 at 6:59pm

वाह वाह ! आदरणीय अरुण भाई , बहुत सुन्दर, सटीक , सार्थक , सामयिक संदेश देती आपकी कुन्डलिया रचना के लिये आपको बधाइयाँ !!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 24, 2014 at 6:27pm

वाह ! बहुत सुन्दर, सामयिक और सार्थक छंद रचे है | हार्दिक बधाई श्री अरुण कुमार निगम जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 24, 2014 at 3:47pm

आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, सामयिक विषय पर सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service