For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जान हथेली पर ले चलते , भारत माँ के वीर जवान |

जागे रहते वीर जवान | 
जान हथेली पर ले चलते , भारत माँ के वीर जवान |
देश दुनिया शांती चाहते , मेरा देश कितना  महान |
छुप छुप कर बैरी वार करें , मुश्किल में दे देते जान |
सात समुंदर पार गरजते , भारत माँ की है पहचान |
करें सफाया डाकूवों का ,  आतंकी होते हैरान  |
देश विदेश  सह परेशानी , बढ़ाते हैं  देश की शान |
कहीं पड़ते जब थपेड़े में , दे देते हैं अपनी जान |
हर पल तत्पर ही  रहते हैं , शेर की  तरह सीना तान |  
जल थल नभ से हैं चौकन्ना , फ़ौरन चलें होकर सवार | 
भारत माँ की शान बढाते , शोभें  लेकर नव हथियार |
हर मौसम में चलते रहते , चाहे चले कोई बयार |
वतन से दूर रह  खुश रहते , छोड़ दूर  अपना परिवार |
सीमा की करते रखवाली , पड़ोसियों का रखते ध्यान |
आतंकी बस  घूस न  जाये ,  देश भी ना सहे अपमान |
जंगल या कोई हो पहाड़ , बढ़ते रहते सीना तान | 
वर्मा लोग चैन से सोते , जागे रहते वीर जवान | 
श्याम नारायण वर्मा 

Views: 2905

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on April 14, 2013 at 11:54pm

सुंदर रचना, बधाई.....

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 14, 2013 at 10:01pm

जवानो की सराहना में रचना के लिए, उन्हें जाग्रत करती रचना के लिए बधाई श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2013 at 5:27pm

आदरणीय वर्मा जी 

सुन्दर प्रयास 

बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 14, 2013 at 3:53pm

भारत माँ के वीर जवानों को समर्पित इस गौरवगान के लिए बधाई आ० श्याम नारायण वर्मा जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 14, 2013 at 10:33am

देश के गौरव वीर जवानो की शौर्य गाथा में चली आपकी कलम को नमन इंगित की हुई त्रुटियों के सुधार से रचना और निखर जायेगी हार्दिक बधाई आपको जय हिन्द 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 13, 2013 at 9:40pm

बहुत ही सुन्दर और सहजता के साथ आपने वीरों का सौर्यगान किया है 

बहुत बहुत बधाई हो ......जय हिन्द जय माँ भारती 

तत 

आदरणीय बागी सर और अशोक सर  के कहे से सहमत हूँ 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 13, 2013 at 7:06pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सादर, देश के वीर जवानो का स्तुति गान और उनके शौर्य का बखान करती सुन्दर रचना पर बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.  आदरणीय बागी जी की बात से मैं सहमत हूँ साथ ही कुछ त्रुटियों पर भी कार्य की अपेक्षा करता हूँ. "डाकूवों" डाकुओं, "घूस" घुस. और एक पंक्ति "वतन से दूर रह खुश रहते" यह पंक्ति तो सिपाही  के कार्य के विपरीत कथन है.मुझे आशा है आप मेरे कहे को अन्यथा नहीं लेंगे. मैंने मित्रवत  त्रुटी जान आपका ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास किया है.सादर. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 13, 2013 at 3:24pm

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी, देश प्रेम से ओत प्रोत बहुत ही सुन्दर भाव पिरोयें है, आप १६,१५ मात्रा पर रचने का प्रयास किया है, फिर भी आतंरिक संयोजन के कारण गेयता बाधित है, यदि इस रचना को गुनगुनाते हुए कुछ शब्दों में हेर फेर किया जाय तो यह रचना और अधिक अच्छी हो सकेगी । 

इस अभिव्यक्ति पर अतिशय बधाई प्रेषित है । 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 13, 2013 at 3:14pm

अतिसुन्दर!  हार्दिक बधाई।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

KALPANA BHATT ('रौनक़') added a discussion to the group पुस्तक समीक्षा
Thumbnail

पुस्तक समीक्षा: सुर्ख़ लाल रंग (कहानी संग्रह)

पुस्तक का नाम : सुर्ख़ लाल रंगविधा: कहानी सँग्रहलेखक: विनय कुमार प्रकाशक: अगोरा प्रकाशन मूल्य :…See More
9 hours ago
Dr. Ashok Goyal posted a blog post

ग़ज़ल :-

ग़ज़ल :-आँखों के नूर,दिल के सुकूँ ,महरबाँ से लोग ।मौला ही जाने आते हैं ये ,किस जहाँ से लोग ।मिट्टी…See More
9 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Jun 2
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Jun 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Jun 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Jun 1
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Jun 1
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Jun 1

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service