For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अर्धांगिनी को समर्पित (दुर्मिल सवैया पर आधारित)

तुम फूल कली तुम चन्द्र मुखी तुम स्वर्ग परी चित चंचल हो
तुम लौकिक केवल देह  नहीं  मकरन्द  भरा नव  कोंपल हो
तुम भ्रांति नहीं अनुभूति प्रिये तुम पुष्प कली सम कोमल हो
तुम पादप पल्लव हार  प्रिये तुम  गंग नदी  सम  निर्मल  हो।।1

तुम निश्छल  प्रेम भरी  गगरी ऋतु पावस सी मनभावन हो
तुम हो इक नाम समर्पण का  तुम  रूप  प्रसून  सुहावन हो
तुम प्राणप्रिया शुचिता वनिता तुम ही रखती  घर  पावन हो
तुम प्रान सुधा घनश्याम  घटा उर  में बरसे वह सावन हो।।2

समझा तुमने मन की गति को तन स्पर्श करूँ अधिकार दिया
समता  ममता  अरु  प्रेम  सुधा  इक  बार  नहीं हर बार दिया
उजड़ा  बिखरा  घर  आँगन  था जिसको तुमने परिवार दिया
तुम  पे  तन अर्पण  मैं कर दूँ इतना तुमने  प्रिय प्यार  दिया।।3

नाथ सोनांचली

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 519

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on June 10, 2022 at 2:32pm

आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन।

हृदयतल से आभार आपका

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 10, 2022 at 7:19am

आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन । सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

तुम लौकिक केवल देह  नहीं "" की जगह ऐसा होना चाहिए मेरे हिसाब से, विचार कीजिएगा। सादर

तुम केवल लौकिक देह  नहीं 

Comment by नाथ सोनांचली on June 9, 2022 at 5:49pm

आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना पर आपकी गरिमामयी उपस्थिति मुझे गर्वान्वित करती है।

आपका सुझाव सिर आँखों पर

एक निवेदन ये कि ये सीखने सिखाने का मंच है इसलिये रचना के साथ उसका विधान लिख देना बहतर होता है I""

आगे से इसका ध्यान रखूँगा

Comment by Samar kabeer on June 8, 2022 at 3:23pm

जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, अच्छी छंद रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें I 

'तुम लौकिक केवल देह  नहीं  मकरन्द  भरा नव  कोंपल हो'--- इस पंक्ति में 'कोंपल' शब्द स्त्रीलिंग है, देखियेगा I 

एक निवेदन ये कि ये सीखने सिखाने का मंच है इसलिये रचना के साथ उसका विधान लिख देना बहतर होता है I 

Comment by नाथ सोनांचली on May 30, 2022 at 6:13am

आद0 अम्न सिन्हा जी सादर अभिवादन। कोटिशः आभार आपका

Comment by AMAN SINHA on May 26, 2022 at 9:43am

आदरणीय  नाथ सोनांचली जी, 

बहुत मनमोहक रचना हेतु बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service