धन, दौलत तो उपयोग की वस्तु, जाती कभी भी साथ नहीं
कद्र ना होती उस शख्स की, पैसा जिसके पास नहीं ||
आज बचा लो कल मिलेगा, इसे बचाना दोष नहीं
दर-दर की वो ठोकर खाता, गरीब की कोई औकात नहीं ||
सुख-वैभव उसके दर विराजे, पैसो की ना जिसके पास कमी
अनकहे रिश्ते खुद बन जाते, आदर्श बनती हर बात कही ||
कुछ दोष तो यूं छिप जाते, उम्मीद जिसकी होती नहीं
गरीब के आँसू झूठे लगते, अमीर के ना होते दोष कभी ||
साथ भले ही पैसा ना जाता, पर पैसे वाले बर्बाद नहीं
इस जहां में राज करेगा, चाहे धर्म-कर्म में विश्वास नहीं ||
नियत तेरी साफ रही तो, ईश्वर ना छोड़े साथ कभी
तरक्की की सीढ़ी रोज चढ़ेगा, खिलाफ चाहे हो लोग सभी ||
पैसे के बिना ना दुनियाँ चलती, ना बातों का भी मोल कहीं
अपने भी तेरे भूल जाएंगे, जो धन दौलत तेरे पास नहीं ||
अमौलिक व अप्रकाशित
Comment
आ. भाई फूलसिंह जी, सादर अभिवादन । अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
जनाब फूल सिंह जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।
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