For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तू अपने आप को अब मेरे रू ब रू कर दे(११८ )

(1212 1122 1212 22 /112 )
तू अपने आप को अब मेरे रू ब रू कर दे
बहुत दिनों की मेरी पूरी आरज़ू कर दे
**
वबा के वार से दुश्वार हो गया जीना
ख़ुदाया अम्न को तारी तू चार सू कर दे
**
बता मैं दश्त में पानी कहाँ तलाश करूँ
चल अपनी चश्म के अश्कों से बा-वज़ू कर दे
**
ख़ुदा किसी को न औलाद ऐसी अब देना
जो वालिदेन की इज़्ज़त लहू लहू कर दे
**
मैं जानता हूँ सदाओं की भीड़ है फिर भी
ख़ुदाया मुझ पे करम भी कभू कभू कर दे
**
सभी का फ़र्ज़ है रखना नज़र पड़ोसी पर
कि अम्न ख़त्म वतन का न ये अदू कर दे
**
तलाश करने हैं तुझको कभी जो ऐब तेरे
तो ख़ुद को आइने के दोस्त रू ब रू कर दे
**
जनम जनम की लिए तिश्नगी मैं आया हूँ
तू ख़ाली साक़िया मय का तेरा सुबू कर दे
**
ग़ज़ल करूँ मैं 'तुरंत' ऐसी नज़्म जो मुझको
हर एक वज़्म-ओ-इदारे की आबरू कर दे
**
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी |

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 481

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 4, 2020 at 9:50pm

हौसला आफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया भाई बृजेश कुमार 'ब्रज'  जी , सादर नमन | 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 4, 2020 at 9:45pm

बेहतरीन ग़ज़ल कही आदरणीय गिरधारी जी...

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on August 2, 2020 at 3:35pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'  जी , हौसला आफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया | 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 2, 2020 at 9:41am

आ. भाई गिरधारी सिंह जी, सादर अभिवादन । अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on July 30, 2020 at 8:32pm

बहुत बहुत शुक्रिया Dimple Sharma जी  

Comment by Dimple Sharma on July 30, 2020 at 4:47pm

आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत'तुरंत'जी नमस्ते, वाह बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है आदरणीय खासतौर पर सातवें शेर ने तो जैसे खुद ही वाह करवाई हो , खुबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service