For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जितेन्द्र पस्टारिया's Blog – February 2015 Archive (3)

कल और आज...(लघुकथा)

“बेटा!.. तुझे याद है न.. जब तू स्कूल में प्रथम श्रेणी  में आया था ,  मुझे कितनी ख़ुशी हुई थी . सभी लोग  यही कह रहे  थे  कि मेरा बेटा है" 

“ हाँ!..पर रात-दिन पढाई मैंने की थी, आपने जो किया था  वो आपका फर्ज था "

“ हाँ! बेटा यही समझ ले, बस मुझे इसी घर में रहने दे. अब गली-गली दरबदर फिरूंगा, तो लोग यही कहेंगे की तेरा बाप हूँ...”

    जितेन्द्र पस्टारिया

 (मौलिक व् अप्रकाशित )

 

Added by जितेन्द्र पस्टारिया on February 24, 2015 at 10:39am — 27 Comments

संतुष्टि कहाँ है...? (अतुकांत)

धीमी-धीमी सी

हवाओं में

दीपों की टिमटिमाती लौ

दे जाती है

अंतर को भी रोशनी

बे-समय आँधियों ने

कब किया है, रोशन

बस! बुझा दिया

या फूंक दिए है जीवन

उन्ही दीपों से.

अथाह तेज बारिशों ने भी

बहा दिए हैं, जीवन

नदियों के मटमैले

जल से

प्यासा, प्यासा ही रहा

वैसे ही, जैसे

वैशाख-ज्येष्ठ की धूप में

बैठा हो

शुष्क किनारों पर

जीवन को तो

उतनी ही…

Continue

Added by जितेन्द्र पस्टारिया on February 7, 2015 at 1:03pm — 23 Comments

भूख....(लघुकथा)

“ हे. भगवान..बस! एक पोते की कामना थी,  वो भी पूरी नहीं हो पाई इस बार. तीन-तीन पोतियों की लाइन लग गई ” अपनी बहु के कमरे से बाहर, खले की ओर जाते हुए मन में बडबडा ही रही थी, कि

“ माँ!! मैं बाजार जा रहा हूँ, कुछ लाना हो बता दो ” बेटे ने पूछा

“ हाँ! बेटा.. गुड़ ले आना, वो बूढी गाय न जाने कब जन जाए, अब की बार बछिया ले आये तो आगे भी घर का दूध मिल जाया करेगा “

      जितेन्द्र पस्टारिया

   (मौलिक व् अप्रकाशित)    

Added by जितेन्द्र पस्टारिया on February 5, 2015 at 10:54am — 24 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। मतले के ऊला को यूं कर लें अब न काली रातों में ही...... दूसरे शेर…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. रचना जी"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी"
4 hours ago
Rachna Bhatia commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आदरणीय नीलेश नूर जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल हुई है।बधाई स्वीकार करें।"
4 hours ago
Rachna Bhatia commented on Rachna Bhatia's blog post ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी नमस्कार। भाई हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२/२१२*अब न रातों में ही काली चूमती फिरती है लबभोर में भी यह  उदासी  चूमती  फिरती है…See More
6 hours ago
Chetan Prakash posted a blog post

है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं

1212 1122 1212 22है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं ये मुनाफ़िकों की है बस्ती कि वो टहलते हैंके…See More
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post गीत -२३ (लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गीत ने आपकी उपस्थिति से पूर्णता प्राप्त की। अपार स्नेह के लिए हार्दिक…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post गीत -२३ (लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति, स्नेह और सुझाव के लिए हार्दिक आभार। "पतझड़ को…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post श्रमिक दिवस के दोहे
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद। निवेदित…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मातृ दिवस के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post एक ग़ज़ल हिंदी शब्दों के वाहुल्य  के साथ
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service